भाजपा-शिवसेना को संघ प्रमुख की नसीहत, आपस में लड़ने से होगी दोनों को हानि
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने इशारों-इशारों में महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सबको पता है स्वार्थ से नुकसान होता है लेकिन स्वार्थ नहीं छोड़ते। आपस में लड़ने से दोनों को हानि होगी।
नागपुर में संघ प्रमुख ने कहा, ‘सब मानव जानते हैं प्रकृति को नष्ट करने से हम नष्ट हो जाएंगे। पर प्रकृति को नष्ट करने का काम थमा नहीं। सब जानते हैं कि आपस में झगड़ा करने से दोनों की हानि होती है। लेकिन आपस में झगड़ा करने की बात अभी तक बंद नहीं हुई।’
उन्होंने आगे कहा, ‘सब जानते हैं कि स्वार्थ बहुत खराब बात है लेकिन स्वार्थ को बहुत कम लोग छोड़ते हैं। देश का उदाहरण लीजिए व्यक्तियों का।’
आरएसएस और उससे संबद्ध संगठन विहिप के शीर्ष नेताओं की सोमवार को नागपुर में हुई बैठक में उन लोगों के नामों को अंतिम रूप दिया गया, जिन्हें अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए केंद्र द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट में शामिल किया जा सकता है।
आरएसएस सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और उनके सहयोगी भैयाजी जोशी इस बैठक में शामिल थे। आरएसएस मुख्यालय में सोमवार को हुई इस बैठक में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय पदाधिकारी भी मौजूद थे।
उन्होंने बताया कि बैठक में अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के गठन पर चर्चा हुई। उच्चतम न्यायालय ने राम मंदिर- बाबरी मस्जिद विवाद के बारे में नौ नवंबर के अपने फैसले में मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने का फैसला दिया था। सूत्रों ने बताया कि बैठक में ट्रस्ट के सदस्यों के नामों को अंतिम रूप दिया गया और ये नाम सरकार को बताए जाएंगे, हालांकि उन्होंने इन नामों का खुलासा नहीं किया।
उन्होंने कहा कि विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु कोकजे, अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार और महासचिव मिलिंद परांडे बैठक में मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि आरएसएस और विहिप के पदाधिकारियों ने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करने के जवाब में अपनी कार्य योजना पर भी चर्चा की।