भाजपा नेता शमिक भट्टाचार्य का आरोप, नए कृषि कानून को लेकर किसानों को गुमराह कर रहे हैं राजनीतिक दल

भाजपा नेता शमिक भट्टाचार्य का आरोप, नए कृषि कानून को लेकर किसानों को गुमराह कर रहे हैं राजनीतिक दल

कोलकाता । नए कृषि कानून को लेकर कुछ राजनीतिक दल किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उनमें गलतफहमी पैदा की जा रही है। बंगाल भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने यह आरोप लगाया, हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि नए कृषि कानून के बारे में किसानों को ठीक तरीके से समझाया नहीं जा सका है। उनके विरोध की एक वजह यह भी है। बहुत जल्द इस समस्या का समाधान किया जाएगा।

केंद्र सरकार किसानों के हित के लिए लाई नया कृषि कानून 

भट्टाचार्य ने आगे कहा कि केंद्र सरकार किसानों के हित को देखते हुए नया कृषि कानून लाई है। इससे किसानों की उन्नति होगी। बंगाल के किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है, फिर चाहे धान हो या फिर आलू। किसान बहुत मेहनत करके फसलें उगाते हैं लेकिन कुछ लोग कम दाम में उन्हें खरीदकर बाजार में अधिक दामों में बेचते हैं। प्रत्येक राज्य में किसान मंडियां तो हैं लेकिन उन मंडियों का लाभ कौन उठाता है, यह सबको मालूम है।

सिंगुर आंदोलन से कोई फायदा नहीं हुआ

भाजपा नेता ने कहा कि सिंगुर को लेकर जो आंदोलन हुआ था, उससे कोई फायदा नहीं हुआ। सिंगुर के किसानों को अपनी जमीन तो वापस मिल गई लेकिन वे उसपर कोई फसल नहीं उगा पा रहे हैं क्योंकि उनकी उर्वरकता नष्ट हो चुकी है। सिंगूर आंदोलन से बंगाल व देश में यही संदेश गया कि सूबे में उद्योग का माहौल नहीं है। यही कारण है कि यहां निवेश नहीं आ रहा। जिस जगह पर नैनो का कारखाना लगने वाला था, वह जगह आज श्मशान जैसी दिख रही है। बंगाल में लोग अनिश्चितता के माहौल में जी रहे हैं। सूबे की आर्थिक स्थिति बहुत खराब है।