नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के उस आदेश पर रोक लगा दी है। जिसमें समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को आवंटित भूमि के अधिग्रहण की अनुमति दी गई थी। दरअसल, न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट द्वारा दायर एक याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया है। साथ ही मामले को अगस्त में आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।

हाईकोर्ट ने याचिका को किया था खारिज

आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले कुछ शर्तों का पालन न करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई विश्वविद्यालय की भूमि पर कब्जा करने की कार्यवाही के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था। संस्थान के लिए भूमि 2005 में ट्रस्ट को दी गई थी। वर्तमान में आजम खान सीतापुर जिला जेल में बंद हैं। सांसद आजम खान ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं और यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति भी हैं।

हाईकोर्ट ने अपर जिलाधिकारी के फैसले को ठहराया था सही

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी की जमीन को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदम्बा प्रसाद गुप्ता द्वारा दिए गए फैसले को सही ठहराया था। अपर जिलाधिकारी ने इसी साल 16 जनवरी को फैसला दिया था कि जौहर यूनिवर्सिटी को संचालित करने वाले मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट ने शर्तों व नियमों का उल्लंघन किया है। 16 जनवरी 2021 को अपर जिलाधिकारी ने शर्तों का उल्लंघन करने पर यूनिवर्सिटी की 12.50 एकड़ से ज्यादा जमीन राज्य सरकार में निहित करने के आदेश जारी कर दिए थे। इस फैसले के विरोध में ट्रस्ट हाईकोर्ट चला गया। छह सितंबर को हाईकोर्ट ने ट्रस्ट की याचिका खारिज करते हुए अपर जिलाधिकारी के फैसले को सही ठहराया था।