“भोलेनाथ आपका इंतजार कर रहे हैं”: अमरनाथ यात्रा को लेकर फारूक अब्दुल्ला की देशवासियों से भावुक अपील

श्रीनगर – नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने आगामी श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर देशवासियों से भावुक अपील करते हुए कहा है कि “भोलेनाथ आपका इंतजार कर रहे हैं” और अधिक से अधिक श्रद्धालुओं को इस धार्मिक यात्रा में शामिल होना चाहिए।
मंगलवार को पहलगाम में पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. अब्दुल्ला ने हाल ही में बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले और पाकिस्तान की ओर से की गई गोलाबारी का ज़िक्र करते हुए कहा कि इन घटनाओं से पर्यटन को नुकसान पहुंचा है, लेकिन कश्मीर की खूबसूरती और स्थानीय लोगों की मेहमाननवाज़ी अब भी पहले जैसी ही है।
पर्यटन पर निर्भरता के साथ आत्मनिर्भरता की भी वकालत
डॉ. अब्दुल्ला ने स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को केवल पर्यटन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, बल्कि ऐसे टिकाऊ व्यवसायों को अपनाना चाहिए जो लंबे समय में आर्थिक मजबूती दे सकें।
“अगर एक गोली चलती है, तो सारा माहौल बदल जाता है। मैंने खुद करगिल में देखा था कि कैसे लोग अपना सब कुछ लगाकर पर्यटन में निवेश करते हैं, लेकिन एक घटना से सब बिखर जाता है,” उन्होंने कहा।
आतंकियों पर कड़ा हमला, इंसानियत का दुश्मन बताया
उन्होंने आतंकियों को कश्मीरियत और इंसानियत का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए कहा कि जो लोग निर्दोषों की हत्या कर रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि वे लोगों की रोजी-रोटी छीन रहे हैं। उन्होंने कहा कि “यह वादी खुदा की दी हुई खूबसूरती है और यहां के मासूम लोग इसी से अपना जीवन चला रहे हैं।”
“आप आइए, हम आपका इंतजार कर रहे हैं”
फारूक अब्दुल्ला ने पूरे देशवासियों से अपील की:
“मैं वतन के लोगों से कहना चाहता हूं कि आप श्री अमरनाथ यात्रा में शामिल होने आइए। हम आपका इंतजार कर रहे हैं और खुद भोलेनाथ भी। जब आप वापस जाएंगे तो आप खुद बताएंगे कि यहां कितनी खूबसूरती है और कितनी मोहब्बत मिलती है।”
केंद्र सरकार के प्रयासों पर प्रतिक्रिया
पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर बेनकाब करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा विदेशों में भेजे जा रहे प्रतिनिधिमंडलों पर उन्होंने कहा कि यदि वे शांति का संदेश भी लेकर जाएं, तो यह और बेहतर होगा।
“प्रधानमंत्री ने जो प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं, अल्लाह करे कि वे अमन का पैगाम भी ले जाएं। हम जंग नहीं चाहते, हम अमन चाहते हैं। बेगुनाहों की हत्या बंद होनी चाहिए।”