सरकारी भूमि घोटाले की जांच कराने को भागीरथ सेना ने सौंपा ज्ञापन, शिकायतकर्ता को जेल भिजवाने का आरोप

सरकारी भूमि घोटाले की जांच कराने को भागीरथ सेना ने सौंपा ज्ञापन, शिकायतकर्ता को जेल भिजवाने का आरोप
  • सहारनपुर में जिलाधिकारी को ज्ञापन देने जाते भागीरथ सेना के पदाधिकारी।

सहारनपुर। भागीरथ सेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने एक गंभीर प्रकरण को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा ज्ञापन सौंपकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। आज भागीरथ सेना से जुड़े कार्यकर्ता एकत्रित होकर जिला मुख्यालय पहुंचे और सहकारी भूमि घोटाले की जांच कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में  आरोप लगाया कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता पंकज सैनी को षड्यंत्रपूर्वक अन्य जनपद की पुलिस की मिलीभगत से जेल भिजवा दिया गया ताकि मामले की निष्पक्ष जांच को प्रभावित किया जा सके। उन्होंने बताया गया कि पंकज भैया उर्फ पंकज सैनी, निवासी छुटमलपुर, थाना फतेहपुर, जो हिन्दू संघर्ष समिति के संचालक और एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने बेहट तहसील के ग्राम बादशाहपुर व खुशहालीपुर के खसरा संख्या 10 व 11 सहित अन्य भूमि पर यूपीसीडा योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे औद्योगिक पार्क (लगभग 500 करोड़ की परियोजना) में अनियमितताओं की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री को साक्ष्य सहित की थी। इस शिकायत की संस्तुति उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी 29 अप्रैल 2025 को की थी। भागीरथ सेना का आरोप है कि शिकायतकर्ता पंकज सैनी को मामले में संलिप्त आरोपियों ने पुलिस की मिलीभगत से अवैध रूप से थाना भगवानपुर (जनपद हरिद्वार) में हिरासत में लेकर जेल भेजवा दिया, ताकि जांच को दबाया जा सके।

उन्होंने बताया गया कि आरोपियों द्वारा अधिकारियों पर दबाव बनाकर सरकारी, बंजर, नदी, पोखर आदि की भूमि पर अवैध कब्जा किया जा रहा है। जो भी इस अवैध कार्य का विरोध करता है, उसे झूठे मुकदमों में फंसा दिया जाता है। जैसे रंगदारी मांगने या जान से मारने की धमकी के आरोप लगाकर जेल भेजना।

शिकायतकर्ता पंकज सैनी ने सोशल मीडिया पर पहले ही यह आशंका जताई थी कि उन्हें षड्यंत्र के तहत जेल भिजवाया जा सकता है। भागीरथ सेना ने ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए कहा कि पूरे प्रकरण की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी, रिटायर्ड जज या सीबीसीआईडी से कराई जाए। सेना का कहना है कि इस पूरे मामले में कई अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आ सकती है। ज्ञापन देने वालों में भागीरथ सेना के जिलाध्यक्ष कंवरपाल सैनी सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।