“हिंदू राष्ट्र से पहले खुद को हिंदू बनाना होगा”, गौ रक्षा के मुद्दे पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा बयान

हरियाणा के करनाल में पहुंचे जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गौ रक्षा के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि नेता गाय की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। उन्होंने कहा कि गायों को चारा खिलाते हुए, पूजा करते हुए और प्यार करते हुए नेताओं की तस्वीरें तो खूब आती हैं, लेकिन जब आंकड़ों की बात होती है तो यह दावे खोखले साबित होते हैं। उनके अनुसार, हर दिन 80 हजार गायों का वध हो रहा है, जबकि राजनीतिक दलों की कथनी और करनी में बड़ा अंतर नजर आ रहा है।
गौ हत्या के मुद्दे पर राजनीतिक दलों से सवाल
“हिंदू राष्ट्र बनने के बाद भी गौ हत्या जारी रही तो…”
हिंदूत्व पर बात करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि हिंदू को पहले खुद को हिंदू समझना होगा और गौ हत्या का विरोध करना होगा। उन्होंने कहा कि हिंदू गौरक्षक होता है और वह गाय की हत्या होते नहीं देख सकता। अगर देश में गौ हत्या हो रही है, तो इसका मतलब है कि हिंदू कमजोर है। उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र की मांग की जा रही है, लेकिन अगर हिंदू राष्ट्र बनने के बाद भी गौ हत्या जारी रही तो इसका कोई लाभ नहीं होगा, इसलिए उन्होंने हिंदुओं से अपील की कि पहले उन्हें जागरूक होना होगा और गौ हत्या को पूरी तरह से बंद करने के प्रयास करने होंगे।
आईआईटी वाले बाबा पर कसा तंज
आईआईटी बैकग्राउंड से आने वाले बाबा को लेकर पूछे गए सवाल पर शंकराचार्य ने तंज कसते हुए कहा कि कोई भी बाबा हो, उसे समाज और धर्म के कल्याण के लिए अपने प्रयास बताने चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल बातें करने से चैनलों को टीआरपी मिल सकती है, लेकिन आम जनता को इसका क्या फायदा होगा? उन्होंने कहा कि चाहे कोई आईआईटी से पढ़कर आया हो या किसी अन्य प्रोफेशन से, उसे यह स्पष्ट करना होगा कि उसने धर्म और समाज के लिए क्या कार्य किए हैं।
बागेश्वर धाम सरकार पर भी दिया बयान
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री द्वारा कैंसर अस्पताल बनाने के सवाल पर शंकराचार्य ने कहा कि यह एक अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि कम से कम बाबा यह स्वीकार कर रहे हैं कि चमत्कार और फूंक-फूंक कर बीमारियां ठीक नहीं होतीं, बल्कि इसके लिए अस्पताल खोलने की जरूरत है। उन्होंने इसे एक सकारात्मक पहल बताया और कहा कि इस तरह के प्रयास समाज के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं।