भारत के निर्यात रोकने से बांग्लादेश परेशान, पीएम बोलीं- हम बिना प्याज के खाना बना रहे

भारत के निर्यात रोकने से बांग्लादेश परेशान, पीएम बोलीं- हम बिना प्याज के खाना बना रहे
  • भारत द्वारा प्याज का निर्यात बंद होने से परेशान है बांग्लादेश
  • पीएम शेख हसीना ने नई दिल्ली में प्याज पर कही अपने मन की बात

भारत में प्याज की बढ़ी कीमतें अब अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गई हैं। भारत द्वारा प्याज का निर्यात बंद करने से सबसे ज्यादा प्रभावित बांग्लादेश हुआ है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने खुद ये बात कही है।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना इन दिनों भारत दौरे पर हैं। यहां एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारत द्वारा प्याज का निर्यात रोकने के मामले पर बात की। उन्होंने कहा कि ‘हमारे लिए प्याज मिलना मुश्किल हो गया है। मुझे नहीं पता कि आपके इसकी सप्लाई क्यों बंद की। मुझे अपने बावरची को कहना पड़ा कि वो बिना प्याज के खाना बनाए।’ पीएम के ये कहते ही वहां मौजूद लोग हंस पड़े।

गौरतलब है कि देश में प्याज की कमी और इसकी आसमान छूती कीमतों को देखते हुए सरकार ने 29 सितंबर से ही प्याज के निर्यात पर रोक लगा रखी है। भारत प्याज का सबसे बड़ा निर्यातक है। यहां से 60 से ज्यादा देशों में प्याज का निर्यात किया जाता है। ऐसे में निर्यात बंद होने से अन्य देशों को भी काफी परेशानी हो रही है।

शेख हसीना ने मुस्कुराते हुए कहा कि ‘पता नहीं केंद्र सरकार ने निर्यात रोके जाने के बारे में मुझे कोई सूचना क्यों नहीं दी। अगर इस बारे में थोड़ी जानकारी मिली होती तो अच्छा होता। अगली बार जब आप ऐसा कुछ करने की सोचें, तो पहले से सूचना दे देना अच्छा रहेगा।’

बता दें कि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में प्याज की कीमत प्रति 100 किग्रा 10 हजार रुपये से ज्यादा पहुंच चुकी है। इस देश को अब म्यांमार, तुर्की और चीन से आयात बढ़ाने पर जोर देना पड़ रहा है। संकट के इस समय में बांग्लादेश ने सब्सिडी देकर प्याज बेचना शुरू कर दिया है।

कुछ ऐसे ही हालात मलयेशिया के भी हैं, जो भारत से प्याज खरीदने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है।

गौरतलब है कि भारत में प्याज की कीमतें 4500 रुपये प्रति 100 किग्रा तक पहुंच गई। यह पिछले करीब 6 साल में सबसे ज्यादा है। इसके बाद वाणिज्य मंत्रालय के एक अंग डायरेक्टरेट जेनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने अधिसूचना जारी कर तत्काल प्रभाव से प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी। वहीं कीमतों पर नियंत्रण करने के लिए भारत में स्टॉक की सीमा भी तय कर दी गई है। खुदरा विक्रेता 100 क्विंटल तक और थोक विक्रेता 500 क्विंटल तक ही प्याज स्टॉक कर सकते हैं।

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