अयोध्या: सभी पक्षों का लिखित जवाब दाखिल, रामलला ने मंदिर के लिए मांगी पूरी जमीन
खास बातें
- हिंदू पक्ष ने कहा विवादित स्थल के आसपास की जमीन भी मंदिर के लिए दी जाए
- मुस्लिम पक्ष ने संयुक्त रूप से सीलबंद लिफाफे में दाखिल किया अपना पक्ष
- शीर्ष कोर्ट ने सुनवाई के आखिरी दिन मोल्डिंग ऑफ रिलीफ पर लिखित जवाब मांगा था
अयोध्या रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले से जुड़े सभी पक्षों ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में मोल्डिंग ऑफ रिलीफ के तहत लिखित जवाब दाखिल कर दिया। हिंदू पक्षकारों ने 2.77 एकड़ विवादित जमीन और आसपास अधिगृहित जमीन भी मंदिर निर्माण के लिए मांगी है। वहीं, मुस्लिम पक्षकारों ने संयुक्त रूप से सीलबंद लिफाफे में जवाब दाखिल किया है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई के आखिरी दिन सभी पक्षों को तीन दिन में लिखित जवाब दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने यह बताने को कहा था कि किसी पक्ष को पूरी तरह से अधिकार न मिलने की स्थिति में क्या गुंजाइश हो सकती है।
हिंदू पक्षकारों ने कहा हम उस जगह को भगवान राम का जन्मस्थान मानते हैं। एएसआई रिपोर्ट से साफ है कि वहां मंदिर हुआ करता था। इसलिए वह जमीन हिंदुओं को दी जाए। इस बीच हिंदू पक्ष ने मुस्लिम पक्ष की ओर से सीलबंद लिफाफे में जवाब पेश करने पर ऐतराज जताया है।
उनका कहना है कि यह कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। हिंदू पक्ष ने इस बारे में सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में आपत्ति भी दर्ज कराई है। दरअसल, सीलबंद लिफाफे में दिया गया जवाब दूसरे पक्ष से साझा नहीं जाता है।