वर्तमान में देश की आर्थिक स्थिति मजबूत, इसके अनुरूप रेटिंग हासिल करने के लिए करने होंगे प्रयास: मुख्य आर्थिक सलाहकार

नई दिल्ली । मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने कहा है कि भारत को एक देश के रूप में अपनी रेटिंग मजबूत बनाने के प्रयास करने होंगे। वर्तमान में देश की आर्थिक स्थिति मजबूत है और इस स्थिति के अनुरूप रेटिंग हासिल करने के लिए देश को कोशिश करनी होगी। सुब्रमणियन ने शनिवार को कहा कि हमने रेटिंग एजेंसियों के समक्ष अपना पक्ष बेहद मजबूती से रखा है। इस तरह के बदलाव तुरंत नहीं होते, बल्कि समय के साथ-साथ ही हो सकते हैं। ऐसे में आपको अपने प्रयास लगातार जारी रखने होंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा चालू वित्त वर्ष का आर्थिक सर्वे पेश किए जाने के बाद सुब्रमणियन ने शुक्रवार को रेटिंग एजेंसियों को खूब खरी-खोटी सुनाई थी। उन्होंने रेटिंग एजेंसियों से कहा कि वे भारत की सॉवरेन रेटिंग में भेदभाव कर रही हैं।
सर्वे में कहा गया है कि सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग पद्धति में संशोधन जरूरी है, क्योंकि उसमें इकोनॉमी की कर्ज चुकाने की क्षमता और इच्छा की भी छाप दिखनी चाहिए। सर्वे में यह सुझाव दिया गया है कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को रेटिंग पद्धति में निहित इस पूर्वाग्रह को दूर करने के लिए मिलकर काम करना होगा।
सर्वे का कहना था कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी को रेटिंग के इतिहास में कभी भी निवेश के सबसे निचले पायदान (बीबीबी-/बीएए3) में नहीं रखा गया है। चूंकि सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग भारतीय अर्थव्यवस्था के मूल सिद्धांतों को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं, इससे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफपीआइ) आवक को नुकसान पहुंचता है।
इसलिए जरूरी है कि देश इस मामले को क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के समक्ष उठाए और उन्हें पद्धति में बदलाव लाने को कहे। उल्लेखनीय है कि वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने भारत की रेटिंग को निवेश ग्रेड रेटिंग के निचले स्तर पर रखा है।