अनुराग ठाकुर 1950 से 2017 के दौरान रहे भारतीय राष्ट्रपतियों की दुर्लभ तस्वीरों को प्रदर्शित करने वाली पुस्तकों का किया विमोचन

- अनुराग ठाकुर ने रविवार को तीन पुस्तकों का विमोचन किया। जिसमें निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनके पहले के राष्ट्रपतियों की कुछ दुर्लभ तस्वीरों को प्रदर्शित किया गया है। मूड्स मोमेंट्स और मेमोरीज पुस्तक में 1950-2017 के दौरान भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों की दुर्लभ तस्वीरों का संग्रह किया गया है।
नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को तीन पुस्तकों का विमोचन किया। जिसमें निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनके पहले के राष्ट्रपतियों की कुछ दुर्लभ तस्वीरों को प्रदर्शित किया गया है। राष्ट्रपति भवन के ओर से किए गए एक ट्वीट के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन में एक समारोह के दौरान पुस्तकों का विमोचन किया गया। किताबों की पहली प्रतियां निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में राष्ट्रपति कोविंद को भेंट की गई।
मूड्स, मोमेंट्स और मेमोरीज पुस्तक में 1950-2017 के दौरान भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों की दुर्लभ तस्वीरों का संग्रह किया गया है। वहीं दूसरी किताब द फर्स्ट सिटीजन शीर्षक में राष्ट्रपति कोविंद के कार्यकाल के चित्रमय रिकार्ड है। राष्ट्रपति कोविंद को सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर से प्रथम नागरिक: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यकाल का सचित्र रिकार्ड की पहली प्रति प्राप्त हुई। राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट कर बताया कि यह पुस्तक कोविंद के कार्यकाल के यादगार पलों की एक झलक पेश करती है।
तीसरी किताब इंटरप्रेटिंग ज्योमेट्री- फ्लोरिंग आफ राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति भवन में अद्वितीय फ्लोरिंग पैटर्न विकसित करने के लिए इस्तेमाल किए गए ज्योमेट्री का विश्लेषण किया गया है। आपको बता दें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 25 जुलाई, 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में पांच साल के कार्यकाल के लिए शपथ ली थी। जिसके बाद अब द्रौपदी मुर्मू आज देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी। वो देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति होंगी
जड़ से जुड़ें देश के युवा
राष्ट्रपति कोविंद ने अपने विदाई संबोधन में देश के युवाओं से अपनी जड़ों से जुड़े रहने का आग्रह किया। उन्होंने सभी से आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की रक्षा करने की अपील करते हुए कहा कि प्रकृति मां गहरी पीड़ा में है और जलवायु संकट इस ग्रह के भविष्य को खतरे में डाल सकता है। इस दौरान उन्होंने जोर देते हुए कहा कि देश 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए तैयार हो रहा है।