अनामिका शुक्ला प्रकरण: ..तो क्या पहले से ही खतरा भांप चुकी थी शिक्षिका, स्पष्टीकरण को छिपा रहा विभाग

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय मुजफ्फराबाद में नौकरी करने वाली कथित शिक्षिका अनामिका शुक्ला निदेशालय से पत्र प्राप्त होने से कई दिन पहले ही विद्यालय से गायब हो चुकी थी। सवाल यह है कि क्या पूरे खेल का भंडाफोड़ होने की भनक उसे पहले ही लग चुकी थी

विभागीय सूत्रों ने बताया कि राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय से एक पत्र 17 मार्च 2020 को विद्यालय पहुंचा था। जिसमें कहा गया था कि अनामिका शुक्ला नाम की महिला प्रदेश के पांच जनपदों में तैनात है। गड़बड़ी होने की आशंका को देखते हुए वार्डन ने पत्र प्राप्त होने के अगले ही दिन 18 मार्च 2020 को संबंधित बैंक में पत्र देकर अनामिका शुक्ला के मानदेय आहरण पर रोक लगाने की मांग की थी।
यही वजह रही कि अनामिका शुक्ला को जनवरी 2020 के बाद मानदेय जारी नहीं हुआ। खास बात यह है कि राज्य परियोजना निदेशक से भेजा गया पत्र विद्यालय में 17 मार्च को पहुंचा था, मगर अनामिका शुक्ला विद्यालय से उससे कई दिन पहले ही गायब हो गई थी। सवाल यह है कि क्या अनामिका शुक्ला को पत्र जारी होने की सूचना कहीं से पहले ही लगी चुकी थी।

हरिद्वार में तो नहीं छिपी है
सहारनपुर में अनामिका शुक्ला बनकर पढ़ा रही महिला की पड़ताल में पुलिस दिल्ली, मैनपुरी, कासगंज और पता नहीं कहां-कहां छापे मार रही है। मगर वार्डन की मानें तो अंतिम बार उनकी बात जब कथित अनामिका शुक्ला से हुई थी तो उसने अपनी लोकेशन हरिद्वार बताई थी। कॉल रिकॉर्डिंग भी वार्डन के मोबाइल में है।

स्पष्टीकरण को क्यों छिपा रहा विभाग
अनामिका शुक्ला प्रकरण में विभाग ने वार्डन ललिता देवी की संविदा समाप्त कर दी है। विभाग ने जिला समन्वयक बालिका शिक्षा आदित्य नारायण शर्मा और वार्डन ललित देवी से दस जून तक स्पष्टीकरण देने को कहा था। जिला समन्वयक ने दस जून को स्पष्टीकरण दे दिया था।

दस जून की शाम जब बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेंद्र कुमार से अमर उजाला ने बात की तो उनका कहना था कि वार्डन ने स्पष्टीकरण नहीं दिया है। जबकि वार्डन का दावा है कि उसने आठ जून को ही अपना स्पष्टीकरण विभाग को दे दिया था, जिसकी रिसीविंग भी उनके पास है।

होली की छुट्टी के बाद नहीं आई
वार्डन ललिता देवी (संविदा समाप्त) सात से 12 मार्च तक होली की छुट्टियां पड़ी थीं। सभी बच्चे और शिक्षिकाएं अपने घर चले गए थे। अनामिका भी चली गई थी। 13 मार्च को विद्यालय खुला था, जिसमें सभी बच्चे और शिक्षक पहुंची थीं, मगर अनामिका गायब थी।

14 मार्च को कस्तूरबा गांधी विद्यालयों का शहर में कार्यक्रम था, जिसमें भी वह नहीं पहुंची थी। यानी सात मार्च से वह गायब ही है। वार्डन ने कब और किसे स्पष्टीकरण दिया इसकी जानकारी नहीं है। मगर खास बात यह है कि वार्डन ने कई अहम चीजें विभाग से छिपाईं। ड्यूटी के प्रति उनकी लापरवाही मानते हुए संविदा समाप्त की गई है। -रमेंद्र कुमार सिंह, बीएसए।

 


विडियों समाचार