रोजा रखने वालों पर ही बरसती हैं अल्लाह की रहमतें: राव कारी साजिद

- रमजान माह में रहमत, मगफिरत और जहन्नुम से आजादी के तीन हिस्से
देवबंद [24CN] : रमजान की विशेषताओं पर रोशनी डालते हुए कारी राव साजिद ने कहा कि इस महीने में अल्लाह अपने बंदों को खास नेअमतों से नवाजता है। मुकद्दस रमजान माह तमाम महीनों का सरदार तो है ही साथ ही इस महीने में अल्लाह अपने बंदों की हर नेकी के बदले में इजाफा कर देता है।
बृहस्पतिवार को रमजान की फजीलतों का बखान करते राव कारी साजिद ने कहा की रमजान में हर इबादत और नेक अमल का सवाब बढ़ा दिया जाता है और बंदा-ए-मोमिन की हर नेकी के बदले में इजाफा हो जाता है। इसलिए रमजान को महीनों का सरदार कहा गया है। उन्होंने कहा कि रमजान माह में तीन हिस्से हैं और हर हिस्से का नाम दिया गया है। पहले हिस्से को जो १० दिन का है उसे रहमत कहा जाता है, दूसरा हिस्सा जो रमजान की ११ तारीख से २० रमजान तक होता है उसे मगफिरत कहा जाता है और तीसरा हिस्सा जो २१ रमजान से शुरु होकर ३० रमजान को खत्म होता है उसे जहन्नुम से आजादी का हिस्सा कहा जाता है। यानि रमजान माह में अल्लाह अपने बंदों पर रहमत, मगफिरत और जहन्नुम से आजादी के दरवाजे खोल देता है। मौलाना नसीम ने कहा कि यह सब चीजें रोजा रखने वाले को मिलती है जो अल्लाह की नजदीकी पाने के लिए और उसे खुश रखने के लिए रोजा रखता है। यदि कोई रोजा नहीं रखता और जान बूझकर ऐसा करता है तो वो खुदा से बगावत का ऐलान करता है, और अल्लाह ऐसे बागियों को सजा देता है। उन्होंने कहा कि जो लोग चाहते हैं कि उन्हें दुनिया और दूसरी दुनिया में आराम की जिंदगी गुजारें वो सिर्फ रमजान ही नहीं बल्कि आम दिनों में भी अल्लाह के हुक्म की तामील करें।