यूपी में बिजली की बढ़ी दरों का चौतरफा विरोध, व्यापारी छह सितंबर को हर जिले में करेंगे प्रदर्शन

यूपी में बिजली की बढ़ी दरों का चौतरफा विरोध, व्यापारी छह सितंबर को हर जिले में करेंगे प्रदर्शन

बिजली दरों में 12 प्रतिशत बढ़ोतरी का शामली जिले में उपभोक्ताओं, किसानों, मजदूरों, व्यापारियों और शहरी, ग्रामीण उपभोक्ताओं द्वारा चौतरफा विरोध किया जा रहा है। बढ़ी विद्युत दरों के कारण आम उपभोक्ता पर तो बोझ बढ़ेगा ही। साथ ही किसानों, कॉमर्शियल और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर भी अधिक बोझ बढे़गा। बढ़ी विद्युत दरों के बिलों के विरोध में व्यापारी छह सितंबर को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे।

विद्युत दरें बढ़ाना व्यापारी का खुला उत्पीड़न
पहले से ही विद्युत दरें पड़ोसी राज्यों से अधिक हैं। विद्युत नियामक आयोग और प्रदेश सरकार ने विद्युत दरों में 10 प्रतिशत से लेकर 15 प्रतिशत तक की वृद्धि करके मंदी की मार झेल रहे व्यापारियों की कमर तोड़ने का काम किया है। ऐसे में विद्युत दरें बढ़ाने का निर्णय आम नागरिक व व्यापारी का खुला उत्पीड़न है। बिजली दरों में बढ़ोतरी के विरोध में व्यापारी छह सितंबर को अपने-अपने जिलों में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन डीएम को सौंपेंगे। – घनश्याम दास गर्ग – प्रदेश अध्यक्ष पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल।

दोगुने हो जाएंगे बिजली के मासिक बिल
प्रदेश सरकार द्वारा पिछले दो वर्षों में बिजली दरों को दो बार बढ़ाया जा चुका है। सपा सरकार में ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू कनेक्शन का बिल 180 रुपये प्रतिमाह था, अब योगी सरकार ने बढ़ाकर एक किलोवॉट के कनेक्शन पर 500 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। गांवों में अधिकांश कनेक्शन दो किलोवॉट के हैं। अत: घरेलू बिजली का न्यूनतम बिल 1000 रुपये प्रति माह हो जाएगा। ट्यूबवेल के बिल जो पहले ही दो गुणा कर दिए गए थे, उन्हें भी इस बार 15 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। सरकार ने पिछले दो सालों में गन्ने के मूल्य केवल तीन प्रतिशत बढ़ाए हैं। अन्य फसलों के दाम बढ़ने के बजाय कम हुए हैं। नई बिजली दरों के लागू होने से किसान-मजदूरों की कमर टूट जाएगी, क्योंकि उनकी आमदनी का बड़ा हिस्सा बिजली के बिल भरने में जाएगा। – सपा के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रोफेसर डॉक्टर सुधीर पंवार।


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