नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को गाजीपुर मंडी में बम मिलने के मामले में अलकायदा से जुड़े आतंकी संगठन ने मुजाहिद्दीन गजवातुल हिंद (Ansar Ghazwat-ul-Hind) द्वारा किए गए दावा को फर्जी करार दिया। स्पेशल सेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस की आतंक निरोधक टीम अभी भी मामले की जांच कर रही है कि यह आतंकी समूह इस हमले के लिए जिम्मेवार है या नहीं।

शुक्रवार, 14 जनवरी को एक बैग में भरा हुआ विस्फोटक गाजीपुर मंडी से सुबह के करीब 10.30 बजे बरामद किया गया था। इसके तुरंत बाद पूरा मार्केट आनन-फानन में खाली कराया गया और बम को NSG (National Security Guard) ने निष्क्रिय कर दिया। सोमवार को NSG ने पुष्टि की कि यह RDX व अमोनिया नाइट्रेट का मिश्रण था जो एक डिवाइस में लगाया गया था। दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया मानिटरिंग के दौरान एक नए आतंकी गुट के बारे में पता चला। अंसार गजवातुल हिंद ने हमले की जिम्मेवारी ली थी। आतंकी संगठन मुजाहिद्दीन गजवातुल हिंद ने टेलीग्राम पर अपने पत्र में लिखा, ‘ 14 जनवरी को गाजीपुर में जो IED प्लांट किया गया था, वो हमारे ही मुजाहिद भाइयों ने किया था। IED किसी तकनीकी कारण से ब्लास्ट नहीं हुआ। अब हम और तैयारी से धमाका करेंगे, जिसकी गूंज पूरे भारत देश में सुनाई देगी। हमने भारत के राज्यों में खुद को मजबूत कर लिया है। हम भारत के खिलाफ लड़ेंगे और शरिया कानून लागू करेंगे।

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) ने सोमवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया है कि तीन किलो वजन के इस बम यानि इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस(आइईडी) में अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स के साथ एक टाइमर डिवाइस व बैट्री का इस्तेमाल किया गया था। आरडीएक्स पाकिस्तान से लाया गया था। तकनीकी खराबी के कारण बम नहीं फट पाया, अगर फट जाता तो फूल मंडी में करीब 100 मीटर के दायरे में रहने वाले लोग बड़ी संख्या में हताहत हो सकते थे।