सिर पर लाल टोपी, गले में गमछा और हाथ में ‘संविधान’… नए सांसदों के साथ कुछ इस अंजाद में लोकसभा पहुंचे अखिलेश
नई दिल्ली। 18 वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो गई है। पहले दिन अखिलेश यादव, डिंपल यादव और समाजवादी पार्टी के सभी अन्य सांसद भारत के संविधान की एक प्रति लेकर संसद पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। गठबंधन के नेताओं ने भी संसद परिसर में संविधान की प्रति लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
फैजाबाद (अयोध्या) सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, “मैं फैजाबाद के देवतुल्य मतदाताओं की उम्मीदों पर खरा उतरूंगा…हमारे एजेंडे अब तय होंगे…हमारे पास अयोध्या के लिए अच्छी योजनाएं हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “संविधान को बचाने के लिए हमने जो कोशिश की थी उसमें जनता हमारे साथ है, लेकिन मोदी जी ने संविधान को तोड़ने की कोशिश की। इसलिए आज हम यहां एकत्रित होकर विरोध कर रहे हैं। यहां पर गांधी जी की प्रतिमा थी और हम यहीं पर विरोध कर रहे हैं… हर लोकतांत्रिक नियमों को तोड़ा जा रहा है इसलिए हम बता रहे हैं कि मोदी जी आज संविधान के तहत चलिए।”
लोकसभा चुनाव 2024 में सपा का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन
समाजवादी पार्टी इस लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत व सीटों के लिहाज से अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। उसे 37 सीटों के साथ ही 33.59 प्रतिशत वोट मिले हैं। पार्टी अपने इस प्रदर्शन में पीडीए रणनीति का अहम योगदान मान रही है। पार्टी ने पिछड़ों में गैर यादव ओबीसी पर फोकस किया तो उसे अच्छे परिणाम मिल गए।
लोकसभा चुनाव में 10 कुर्मी/पटेल नेताओं को टिकट दिया गया, जिसमें से सात चुनाव जीत गए। निषाद, बिंद, जाट, राजभर, लोधी, भूमिहार, मौर्य/शाक्य/कुशवाहा जातियों पर भी पार्टी ने फोकस बढ़ाया है।
सपा अब गांवों में लगाएगी ‘पीडीए’ पंचायत
लोकसभा चुनाव में ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति की सफलता से उत्साहित सपा इसकी धार और तेज करने जा रही है। पार्टी की नजर अब 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के साथ ही 2027 के विधानसभा चुनाव पर है। इसके लिए सपा गांव-गांव पीडीए पंचायत का आयोजन करने जा रही है। इसके जरिए सपा इनमें आने वाली जातियों को एकजुट करेगी और उन्हें अधिकारों के प्रति जागरूक करेगी।