वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने मानी चूक, कहा- हमारी मिसाइल से ही गिरा था एमआई-17 हेलिकॉप्टर
वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ हवाई संघर्ष के दौरान अपने ही एमआई-17 हेलिकॉप्टर को मार गिराना हमारी बहुत भारी चूक थी। उन्होंने कहा कि ऐसी चूक भविष्य में कभी नहीं होगी।
वायुसेना दिवस पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वायुसेना प्रमुख ने कहा, जांच पूरी हो चुकी है। हमारी ही मिसाइल से हमारा चॉपर क्रैश हुआ था, यह हमारी ही गलती थी। हम दो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। हम स्वीकार करते हैं कि यह हमारी बड़ी चूक थी और आश्वस्त करते हैं कि ऐसी गलती भविष्य में फिर से नहीं होगी।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के बडगाम में 27 फरवरी को हुई इस दुर्घटना में भारतीय वायुसेना के छह जवान और एक आम नागरिक की मौत हो गई थी। गौरतलब है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन पाक विमान भारतीय सीमा के अंदर आ गया था।
दोतरफा संघर्ष के दौरान भारतीय सेना का एमआई17 वी5 हेलिकॉप्टर श्रीनगर के पास बडगाम इलाके में गिर गया था। घटना की जांच में पता चला था कि हेलिकॉप्टर को भारतीय वायुसेना के श्रीनगर एयर बेस से स्पाइडर एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम के जरिए निशाना बनाया गया था।
सिस्टम को हैंडल करने वाले वायुसेना अधिकारियों को लगा कि वह अपना हेलिकॉप्टर नहीं, बल्कि दुश्मन की तरफ से छोड़ी गई मिसाइल है। हेलिकॉप्टर ने 10 मिनट पहले ही उड़ान भरी थी। उसके मलबों के विडियो में जले हुई लाशें और वहां उठता हुआ धुआं देखा गया था।
एयर चीफ मार्शल राकेश सिंह भदौरिया ने वायु सेना दिवस में संवाददाता सम्मेलन में कहा है कि वायु सेना ने पिछले एक साल में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं, जिसमें 26 फरवरी को बालाकोट एयर स्ट्राइक भी शामिल हैं, जब हमने बालाकोट में आतंकी शिविरों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया था।
एयर चीफ मार्शल ने आगे कहा कि 27 फरवरी को पाकिस्तान द्वारा किए गए हवाई हमले के बाद हुए लड़ाई में भारतीय वायु सेना ने एक मिग-21 खो दिया और पाकिस्तान ने एक एफ-16 खो दिया था। एयर चीफ मार्शल राकेश सिंह भदौरिया ने कहा कि राफेल और एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल भारतीय वायु सेना की क्षमता को और बढ़ा देंगे।
वहीं, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया द्वारा वार्षिक वायु सेना दिवस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक प्रचार वीडियो में बालाकोट हवाई हमलों की कहानी दिखाई गई।
पाकिस्तान द्वारा भारतीय सीमा में हथियार छोड़ने के लिए ड्रोन का प्रयोग किए जा रहे हैं सवाल पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि छोटे ड्रोन एक नया खतरा हैं और इस मुद्दे से निपटने के लिए कुछ खरीद पहले से ही प्रक्रिया में हैं। यह क्षेत्र उल्लंघन का मुद्दा है और इस पहलू पर आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
जब वायुसेना प्रमुख से पूछा गया कि क्या ऐसी संभावना है कि बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक दोबारा की जा सकती है तो इस पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि यदि कोई आतंकी हमला (पाकिस्तान की तरफ से) होता है, तो उस पर सरकार के फैसले के अनुसार इसका जवाब दिया जाएगा।
इस संवाददाता सम्मेलन में वायुसेना प्रमुख से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान पायलटों के साथ भारत के संचार को जाम करने में सक्षम हो सकता है जैसा कि उसने विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान के मामले में किया था। इस सवाल पर वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमने सुरक्षित रेडियो संचार सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। वे हमारे बातचीत को नहीं सुन पाएंगे।