एयर चीफ मार्शल की चेतावनी: रक्षा परियोजनाओं में देरी पर जताई चिंता, तेजस की डिलीवरी न होने पर सवाल

एयर चीफ मार्शल की चेतावनी: रक्षा परियोजनाओं में देरी पर जताई चिंता, तेजस की डिलीवरी न होने पर सवाल

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी (नोट: आपने नाम “अमर प्रीत सिंह” लिखा है, लेकिन वर्तमान वायुसेना प्रमुख 2025 में अगर बदले गए हों तो संदर्भ अनुसार अद्यतन किया जा सकता है) ने रक्षा खरीद और स्वदेशी परियोजनाओं में हो रही देरी पर गहरी चिंता जताई है। एक औपचारिक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कई ऐसे रक्षा अनुबंध हैं जिन पर हस्ताक्षर तो हो जाते हैं, लेकिन सिस्टम कभी भी समय पर नहीं आते।

उन्होंने सवाल उठाया, “हम ऐसे वादे क्यों करते हैं जो पूरे नहीं किए जा सकते? मैं एक भी परियोजना के बारे में नहीं सोच सकता जो समय पर पूरी हुई हो।” एयर चीफ मार्शल का यह बयान स्वदेशी रक्षा निर्माण की विश्वसनीयता और समयसीमा को लेकर एक गंभीर संकेत माना जा रहा है।

तेजस Mk1A डिलीवरी में देरी पर नाराज़गी

एयर चीफ ने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस Mk1A कार्यक्रम का विशेष तौर पर उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि फरवरी 2021 में ₹48,000 करोड़ की लागत से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 83 विमानों का ऑर्डर दिया गया था, लेकिन अब तक एक भी विमान की डिलीवरी नहीं हुई है। जबकि डिलीवरी की शुरुआत मार्च 2024 से होनी थी।

स्वदेशी परियोजनाओं पर कई गंभीर प्रश्न

उन्होंने आगे बताया:

  • तेजस Mk1A की डिलीवरी में देरी चल रही है।

  • तेजस Mk2 का अभी तक कोई प्रोटोटाइप सामने नहीं आया है।

  • अत्याधुनिक स्टील्थ फाइटर AMCA का भी प्रोटोटाइप अब तक तैयार नहीं है।

ये सभी तथ्य भारतीय वायुसेना की दीर्घकालीन रणनीति और स्वदेशीकरण की दिशा में बड़ी बाधा बन सकते हैं।

केवल निर्माण नहीं, डिजाइनिंग की भी बात होनी चाहिए

CIA वार्षिक व्यापार सम्मेलन में बोलते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा, “हम सिर्फ भारत में निर्माण की बात नहीं कर सकते, हमें डिज़ाइनिंग की बात भी करनी होगी। हमें सेना और उद्योग के बीच विश्वास को मजबूत करना होगा। अगर हम किसी परियोजना को लेकर प्रतिबद्ध हैं, तो उसे समय पर पूरा करना ही होगा।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि “हमें भविष्य के लिए तैयार होने के लिए आज से तैयारी करनी होगी। युद्ध आधुनिक तकनीकों से लड़े जाते हैं और आज की तैयारियां ही कल की जीत सुनिश्चित करती हैं।”

‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र

यह बयान ऐसे समय आया है जब हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत वायुसेना ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब दिया है। एयर चीफ ने कहा, “जैसा कि नौसेना प्रमुख ने भी कहा था, ऑपरेशन सिंदूर ने युद्ध के स्वरूप को लेकर एक नई स्पष्टता दी है। हमें तेजी से तकनीक को अपनाने और युद्ध क्षमता को विकसित करने की आवश्यकता है।”

पहले भी कर चुके हैं आलोचना

यह पहली बार नहीं है जब एयर चीफ मार्शल ने रक्षा उत्पादन में खामियों की ओर इशारा किया हो। पिछले वर्ष अक्टूबर में पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद उन्होंने कहा था कि भारत कभी सैन्य तकनीक में चीन से आगे था, लेकिन अब पीछे छूट गया है।

इसके अलावा, फरवरी 2025 में HAL के प्रति अविश्वास को लेकर की गई उनकी टिप्पणी – जिसमें उन्होंने कहा था कि “मुझे HAL पर बिल्कुल भरोसा नहीं है” – मीडिया में सुर्खियों में रही और एक नया विवाद खड़ा हो गया था।