बेंगलुरु। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ एक ऐसा बयान दिया है, जिससे देशभर में हंगामा मच गया है। उदयनिधि स्टालिन के मुताबिक, सनातन धर्म मलेरिया डेंगू की तरह है जिसे मिटाना जरूरी है।

इस बयान को लेकर एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी डीएमके और विपक्षी गठबंधन पर हमलावर है। वहीं, उदयनिधि स्टालिन के समर्थन में भी कई नेता धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं।

प्रियांक खरगे ने उदयनिधि स्टालिन के बयान का किया बचाव

उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म को खत्म कर देना चाहिए’ वाली टिप्पणी पर कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा,”कोई भी धर्म जो समानता को बढ़ावा नहीं देता है या यह सुनिश्चित नहीं करता है कि आपके पास मानव होने की गरिमा है, वह धर्म नहीं है।” मैं… कोई भी धर्म जो आपको समान अधिकार नहीं देता या आपके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करता वह बीमारी के समान ही है।”

 

इन नेताओं ने किया उदयनिधि स्टालिन के बयान का बचाव

बता दें कि प्रियांक खरगे से पहले आरजेडी नेता मनोज झा और कांग्रेस सांसद और पू्र्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम जैसे नेताओं ने उदयनिधि स्टालिन के बयान का समर्थन किया है। कार्ति चिदंबरम ने उदयनिधि के बयान पर कहा कि सनातन धर्म एक कास्ट हायरार्कियल सोसायटी के लिए कोड के अलावा और कुछ नहीं है। जाति भारत का अभिशाप है।

मनोज झा ने दोहराए कबीर के दोहा

वहीं, मनोज झा ने उदयनिधि का समर्थन करते हुए कबीर दास का एक दोहा दोहराया। उन्होंने कबीर के दोहे पड़ते हुए कहा-

जो तू ब्राह्मण ब्राह्मणी जाया, आन बाट काहे नहीं आया।

जो तू तुरुक तुरुक नी जाया, अंदर खतना क्यूं न कराया।

मनोज झा ने कहा कि क्या आज के समय कबीर दास ये कहते तो उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया जाता। हिंदुस्तान का एक मिजाज रहा है। कई लोगों को सनातन धर्म में कई विसंगतियां दिखती हैं।