पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद घाना भारत के हथियारों का दीवाना, रक्षा उपकरण के साथ ट्रेनिंग में मांगा सहयोग

पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद घाना भारत के हथियारों का दीवाना, रक्षा उपकरण के साथ ट्रेनिंग में मांगा सहयोग

अकरा (घाना):पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर किए जाने के बाद भारत के रक्षा उपकरणों के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए उसकी मांग पूरे विश्व में बढ़ गई है। घाना भी भारतीय हथियारों का दीवाना हो गया है। घाना ने भारत से रक्षा उपकरणों की खरीददारी की इच्छा जाहिर की है। यह आत्म निर्भर सेना और रक्षा विभाग के लिए गर्व का विषय है। आज भारत दुनिया के 75 से अधिक देशों को रक्षा उपकरणों की सप्लाई करने वाला देश बन गया है।

घाना को क्या चाहिए?

भारत के विदेश मंत्रालय के आर्थिक संबंध विभाग के सचिव डम्मू रवि ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन महामा के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने को लेकर विस्तृत बातचीत हुई। इस दौरान घाना ने भारत से रक्षा उपकरण, प्रशिक्षण और रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति में “स्पष्ट रुचि” दिखाई। एक प्रेस वार्ता में रवि ने कहा, “तीसरा प्रमुख क्षेत्र रक्षा सहयोग का है। घाना को विशेष रूप से उत्तरी क्षेत्र, साहेल क्षेत्र से उभरते आतंकवाद और समुद्री लूटपाट को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताएं हैं। इसलिए घाना ने भारत से उपकरणों, सुरक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण और रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति में स्पष्ट रुचि दिखाई है। भारत अब रक्षा निर्यात में एक अग्रणी देश बन चुका है।”

पहलगाम आतंकी हमले पर दिखाई एकजुटता

रवि ने यह भी बताया कि राष्ट्रपति महामा ने पहलगाम में 22अप्रैल को हुए आतंकी हमले के खिलाफ भारत के साथ एकजुटता प्रकट की है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। आतंकियों ने धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दिया था। इस दौरान भारत और घाना के नेताओं “आतंकवाद किस तरह दुनिया को प्रभावित कर रहा है, इसे लेकर चिंता व्यक्त की। राष्ट्रपति महामा ने आतंक के खिलाफ इस जंग में भारत के प्रति स्पष्ट समर्थन और एकजुटता प्रकट की। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की।”

रक्षा में रुचि के साथ घाना ने किया भारत के साथ 4 अहम समझौता

भारत के रक्षा उपकरणों में गहरी रुचि जाहिर करने के बाद घाना ने 4 अहम समझौते किए। विदेश मंत्रालय सचिव डम्मू रवि ने बताया कि

प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान भारत और घाना के बीच चार समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए, जिनका उद्देश्य संस्कृति, स्वास्थ्य, मानकीकरण और संस्थागत संवाद जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है।


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