हरियाणा चुनाव के बाद नई सरकार में डिप्टी CM को लेकर सस्पेंस बरकरार, जानें किन चेहरों को मिलेगी जगह
नई दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं, लेकिन नई सरकार को लेकर कई सवाल अभी भी अनसुलझे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकार कब बनेगी और इसमें किन चेहरों को जगह मिलेगी। मुख्यमंत्री पद को लेकर स्थिति काफी हद तक साफ है, लेकिन डिप्टी सीएम पद को लेकर सस्पेंस जारी है। कहा जा रहा है कि विजयदशमी के दिन नई सरकार शपथ ग्रहण कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार, नई सरकार में दो डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं और कई नए चेहरे कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। गौरतलब है कि हरियाणा के आठ मौजूदा मंत्री चुनाव हार चुके हैं, जिसके चलते इस बार नई सरकार में नए चेहरों का दबदबा हो सकता है।
सरकार का ढांचा कैसा होगा?
मुख्यमंत्री पद के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेताओं ने पहले ही नायब सिंह सैनी को सीएम का चेहरा बता दिया है। हरियाणा चुनाव से पहले भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने भी कहा था कि अगर पार्टी की सरकार बनती है तो नायब सैनी ही मुख्यमंत्री होंगे।
ऐसा माना जा रहा है कि सैनी हरियाणा के नए सीएम होंगे, क्योंकि वह पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। पिछले चुनाव में भाजपा के 14 मंत्रियों में से आठ अपनी सीटें हार गए थे, जबकि तीन मंत्रियों के टिकट काट दिए गए थे। सिर्फ दो मंत्री ही अपनी सीटें बचा पाए। इस बार के चुनाव परिणामों को देखते हुए, नई कैबिनेट में गैर-जाट समुदायों के उम्मीदवारों को प्रमुखता से जगह मिल सकती है।
किन जातियों को तरजीह मिलेगी?
चुनाव में भाजपा को दलित, अहीर, गुर्जर और अन्य गैर-जाट ओबीसी समुदायों के साथ-साथ ब्राह्मण और राजपूतों का भरपूर समर्थन मिला है। ऐसे में, इन समुदायों का सरकार में प्रभाव दिख सकता है। भाजपा के नौ दलित विधायक चुने गए हैं, जिससे यह स्पष्ट है कि नई सरकार में दलित नेताओं की भूमिका अहम होगी।
दो डिप्टी सीएम का फार्मूला
2014 में भाजपा ने अपने दम पर हरियाणा में सरकार बनाई थी, लेकिन उस समय डिप्टी सीएम नहीं बनाया गया था। 2019 में जेजेपी के दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम बनाया गया था। इस बार चर्चा है कि हरियाणा में दो डिप्टी सीएम बनाए जा सकते हैं। भाजपा ने यूपी, एमपी और राजस्थान जैसे राज्यों में डिप्टी सीएम नियुक्त किए हैं, और संभव है कि हरियाणा में भी इस तरह का प्रयोग किया जाए। पार्टी कई सियासी समीकरणों को साधने के लिए यह कदम उठा सकती है, ताकि सभी समुदायों को संतुलित प्रतिनिधित्व मिल सके।
नई सरकार को लेकर ये चर्चाएं तो जारी हैं, लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।