बैन करने के बाद RBI ने इस बैंक के बोर्ड को भी कर दिया भंग, एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर इन्हें सौंपी जिम्मेदारी

भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को 12 महीने के लिए भंग कर दिया है। आरबीआई ने एसबीआई के पूर्व चीफ जनरल मैनेजर श्रीकांत को इस अवधि के दौरान बैंक का प्रशासक नियुक्त किया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रशासक को असिस्ट करने के लिए एक एडवाइजर्स की कमेटी भी गठित की है। एडवाइजर्स की कमेटी में जो सदस्य हैं, उनमें एसबीआई के पूर्व जनरल मैनेजर रविंद्र सपरा और अभिजीत देशमुख (सीए) शामिल हैं। आज सुबह इस बैंक के बाहर ग्राहकों की भीड़ जमा हो गई थी।
RBI ने बैंक पर लगाए हैं प्रतिबंध
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए थे। इन प्रतिबंधों के तहत, बैंक के ग्राहक अपने खाते से पैसे नहीं निकाल सकते हैं। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक की मौजूदा नकदी की स्थिति को देखते हुए ग्राहकों द्वारा किसी भी राशि की निकासी पर भी रोक लगा दी है, चाहे उनका किसी भी तरह का खाता हो। चिंता की बात ये है कि आरबीआई ने बैंक पर अगले 6 महीनों के लिए बैन लगाया है और फिलहाल इसकी समीक्षा भी की जा रही है।
अभी नहीं निकलेगा खाते से पैसा
RBI के निर्देशों के अनुसार, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक आज यानी 14 फरवरी से बिना प्री-अप्रूवल के कोई भी लोन या एडवांस नहीं देगा। न ही यह बैंक किसी ग्राहक का डिपॉजिट स्कीकार करेगा और न ही उनके खाते से पैसे निकालकर देगा। ग्राहकों को बता दें कि उनकी जमा में से 5 लाख रुपये तक की रकम का इंश्योरेंस होता है। ऐसे में न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के सभी पात्र जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन से 5 लाख रुपये तक के अपने डिपॉजिट पर जमा बीमा दावा राशि हासिल करने के हकदार होंगे।