आरे विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने लिया छात्रों के पत्र का संज्ञान, विशेष पीठ में आज सुनवाई

आरे विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने लिया छात्रों के पत्र का संज्ञान, विशेष पीठ में आज सुनवाई

खास बातें

  • लॉ स्टूडेंट्स ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र, कोर्ट ने पत्र को माना जनहित याचिका
  • आरे कॉलोनी में विरोध और पेड़ों का कटान दोनों तेज, सोमवार सुबह 10 बजे सुनवाई
  • विरोध करने पर दो दिनों में गिरफ्तार हुए 29 प्रदर्शनकारियों को सशर्त जमानत
  • कार शेड के निर्माण के लिए मेट्रो प्रबंधन ने शुरू किया था पेड़ों की कटाई का काम

मुंबई के आरे कॉलोनी में मेट्रो शेड के निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए तत्काल सुनवाई करने का फैसला किया है। सोमवार को जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ मामले पर सुनवाई करेगी। पेड़ काटने का विरोध कर रहे लॉ छात्रों ने रविवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी।

कोर्ट ने पत्र को जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई के लिए विशेष पीठ का गठन कर दिया। इससे पहले, हाईकोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के अवकाश अधिकारी की ओर से सूचना दी गई है कि लॉ छात्र ऋषभ रंजन की ओर से छह अक्तूबर को यह पत्र लिखा गया था। जिसमें बताया गया कि मुंबई के आरे के जंगल में पेड़ काटे जा रहे हैं। पत्र को जनहित याचिका के तौर पर रजिस्टर्ड कर लिया गया है और सोमवार को सुबह 10 बजे सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा।

पत्र में कहा गया कि मुंबई प्रशासन द्वारा शहर के फेफड़े कहे जाने वाले इन पेड़ों को काटा जा रहा है। इतना ही नहीं शांतिपूर्ण तरीके से इसका विरोध करने वाले हमारे दोस्तों को भी जेल में डाल दिया गया। हमारे पास उपयुक्त याचिका दायर करने के लिए समय नहीं था, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट अपने न्यायिक क्षेत्राधिकार का प्रयोग कर इसमें तत्काल हस्तक्षेप करे।

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