भाजपा नेता के वायरल वीडियो में साथ दिखने वाली महिला सामने आई, कहा- वे मेरे भाई समान; दर्ज कराया मुकदमा

भाजपा नेता के वायरल वीडियो में साथ दिखने वाली महिला सामने आई, कहा- वे मेरे भाई समान; दर्ज कराया मुकदमा

गोंडा। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भाजपा जिलाध्यक्ष के साथ दिखने वाली महिला ने छपिया थाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा कराया है। साथ ही महिला ने सोशल मीडिया पर बयान भी जारी किया है।रिपोर्ट के मुताबिक महिला ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसे कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा वायरल किया जा रहा है। वीडियो को गलत तरीके से वायरल करके भाजपा जिलाध्यक्ष, जो उसके बड़े भाई समान हैं, उनको बदनाम किया जा रहा है। महिला ने कहा कि वीडियो वायरल होने से उसके सम्मान को ठेस पहुंची है।

प्रभारी निरीक्षक संजीव वर्मा ने बताया कि अज्ञात के खिलाफ मुकदमा किया गया है।

महिला ने जारी बयान में कहा,अध्यक्षजी से पारिवारिक संबंध रहे हैं, इसलिए मैंने भरोसा करके उनको कॉल किया। वह बहुत अच्छे इंसान हैं। पिता तुल्य हैं, मेरे बड़े भाई हैं। मैंने मुकदमा करा दिया है, यदि नहीं माने तो मानहानि का मुकदमा करूंगी और जरूरत पड़ी तो महिला आयोग जाऊंगी’।

रात करीब सवा नौ बजे की घटना है। हमको फोन आता है कि अध्यक्ष जी हमारी तबीयत गड़बड़ है, मैं स्टेशन पर हूं। दो-चार घंटे हमें रहने के लिए शरण दे दीजिए। यदि कार्यालय खाली हो तो हमें कार्यालय पर छोड़ दीजिए, आराम कर लें। फिर हम घर चले जाएंगे। वह यहां से लगभग 60 किलोमीटर दूर की रहने वाली हैं। मैंने उसे पिकअप किया और कार्यालय लेकर आया। सीढ़ी चढ़ते समय तीसरे जीने के पास उसे चक्कर सा आया तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया, मैंने उसे सहारा दिया। वह पार्टी की हमारी सक्रिय सदस्य है। यदि सहारा देना जुर्म है तो क्या करें। इसमें तो मुझे आपत्तिजनक कुछ नहीं दिख रहा है।

-अमर किशोर कश्यप, जिला अध्यक्ष भाजपा

अब पढ़ें महिला का पूरा बयान-

वायरल वीडियो में अमर किशोर कश्यप के साथ दिखने वाली महिला ने कहा, ‘मैं लखनऊ से आ रही थी। रात के करीब साढ़े नौ बज गए थे। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मेरी तबीयत भी खराब सी लग रही थी। ऐसा लग रहा था कि प्यास लगी है। मतलब दिक्कत महसूस हो रही थी। हमें कुछ सूझा नहीं, हमने अध्यक्ष जी के पास कॉल किया और कहा कि हमारी तबीयत खराब है और स्टेशन पर फंसे पड़े हुए हैं। प्लीज, कहीं थोड़ी देर रुकने का समय दे दीजिए या हमें हमारे घर भिजवा दीजिए।

अध्यक्ष जी बहुत व्यस्त थे, बोले- दस मिनट रुको मैं आता हूं। अध्यक्ष जी आए और हमें रिसीव किया, तभी उन्हें जरूरी कॉल आ गई तो बोले मैं किसी को छोड़ने जा रहा हूं, अभी आता हूं। 

अध्यक्ष जी हमें कार्यालय पर लेकर गए और बोले थोड़ी देर ठहरो, मैं अभी आता हूं और तुम्हें घर भिजवा देता हूं। मैं जा रही थी जैसे ही चौथी सीढ़ी क्रॉस की, मैंने हिल वाली सैंडल पहनी थी, तभी मेरा पैर फिसला और मैंने हाथ पीछे किया तो सरजी पीछे खड़े थे, उन्होंने मुझको थाम लिया। उन्होंने मुझे सहारा दिया, फिसलने से मेरा पैर भी टूट सकता था और भी चोट लग सकती थी’।