कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के लिए ठोस रणनीति बनानी होगी, योजनाबद्ध तरीके से करना होगा काम

कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के लिए ठोस रणनीति बनानी होगी, योजनाबद्ध तरीके से करना होगा काम

नई दिल्ली । पूर्वी दिल्ली की गाजीपुर लैंडफिल साइट में कूड़े के पहाड़ में दो दिन से लगी आग का अबतक न बुझ पाना और लगातार धुआं निकलने से हवा का प्रदूषित होना गंभीर चिंता का विषय है। मंगलवार रात से लगी आग को बुझाने के लिए कई दमकल और जेसीबी लगाई गई हैं, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी है। इसके कारण न सिर्फ दिल्ली में वायु प्रदूषित हो रही है, बल्कि इसका असर दिल्ली से लगते नोएडा और गाजियाबाद के क्षेत्रों में भी हो रहा है। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई परिवारों को धुएं से होने वाले वायु प्रदूषण से बचने के लिए घर छोड़कर अपने रिश्तेदारों के घर जाना पड़ा है।

राष्ट्रीय राजधानी में यह स्थिति स्वीकार नहीं की जा सकती। यह निराशाजनक है कि कभी गाजीपुर, कभी भलस्वा और कभी ओखला लैंडफिल साइट में कूड़े के पहाड़ में आग लग जाती है जिससे आसपास के क्षेत्र की हवा प्रदूषित होती है। कई बार आग लगने या इनका एक हिस्सा टूट जाने के कारण लोगों की मौत भी हुई है। वास्तव में कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के लिए संबंधित नगर निगम गंभीर नजर नहीं आते। किसी भी स्तर पर कोई ठोस प्रयास होते नहीं दिखाई देते। जो थोड़े बहुत प्रयास किए जा रहे हैं, वे ऊंट के मुंह में जीरे की तरह नजर आते हैं।+

फिलहाल गाजीपुर लैंडफिल साइट में लगी आग को जल्द बुझाने के हरसंभव प्रयास करने की जरूरत है, ताकि आसपास रहने वालों को राहत मिले। वहीं, तीनों नगर निगमों को पूरी इच्छाशक्ति के साथ इन कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने के लिए ठोस रणनीति बनानी चाहिए और उसपर योजनाबद्ध तरीके से काम करना चाहिए।


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