रामलीला महोत्सव के सातवें दिन गुरूवार रात को राम वन गमन लीला का हुआ मनोहारी मंचन

- श्रीराम लीला में मंचन करते कलाकार
देवबंद [24CN]: श्री विष्णु कला मंडल देवबंद द्वारा आयोजित रामलीला महोत्सव के सातवें दिन गुरूवार रात को राम वन गमन लीला का मनोहारी मंचन किया गया।
गुरूवार को मचंन के दौरान राज दरबार में बैठे हुए राजा दशरथ दर्पण में अपना मुख देखने के बाद गुरु वशिष्ट से मंत्रणा करते हैं कि मैं अब बूढ़े हो चले ना अभी है
राजकाज राम को सौंप दिया जाए इस पर वशिष्ठ जी कहते हैं कि यह बड़ा उत्तम विचार है और इसके लिए कल ही शुभ लग्न है श्री राम के राजतिलक होने की खबर से देवताओं में खलबली मच जाती है और वह मां सरस्वती से केकई की दासी मंथरा के कंठ में वास करके उसकी बुद्धि मलिन करने की बात कहते हैं इसके बाद मंथरा केकई के कान भरती है और उस से दो वरदान मांगने के लिए कहती हैं जिस पर के कई महाराजा दशरथ से एक वरदान में भरत को राजगद्दी वह दूसरे वरदान में राम को 14 वर्ष का वनवास मांग लेती है यह सुनकर रो-रोकर बेहाल हो जाते हैं तथा तड़प तड़प कर राम-राम हु करने लगते हैं श्रीराम पिता वचनों के कारण सीता और लक्ष्मण को साथ लेकर वनवास के लिए निकल पड़ते हैं उनके पीछे-पीछे सारे अयोध्यावासी रोते बिलखते हुए जाते हैं तथा उन्हें रोकने की कोशिश करते हैं परशुराम रात्रि में विश्राम की बात कहकर सभी अयोध्या वासियों को सुला देते हैं और उसके बाद आगे निकल जाते हैं राजा दशरथ की भूमिका भरत शर्मा राम की दीपक प्रजापति लक्ष्मण की सागर कश्यप सीता की एवं सैनी की कई की लक्ष्मण सैनी कौशल्या की अमित सैनी सुमित्रा की दीपक सैनी तथा मंत्रा की भूमिका प्रवीण गर्ग ने निभाई।
इस अवसर पर मंडल संचालक नरेश मित्तल मुख्य निर्देशक अशोक शर्मा अध्यक्ष नितिन गुप्ता कोषाध्यक्ष गगन मित्तल महामंत्री सचिन शर्मा सह कोषाध्यक्ष प्रदीप मेहता, बृजेश कंसल, निखिल अग्रवाल, प्रथम शर्मा, सचिन माहेश्वरी, तुषार मित्तल दशहरा प्रमुख मनीष भारती निर्देशक अशोक शर्मा, बलवीर सैनी, शिवम गुप्ता अक्षय बंसल आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।