राम मंदिर ट्रस्ट से फर्जी तरीके से निकाले गए 6 लाख रुपये खाते में वापस आये

राम मंदिर ट्रस्ट से फर्जी तरीके से निकाले गए 6 लाख रुपये खाते में वापस आये

अयोध्या: उत्तर प्रदेश में अयोध्या स्थित श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिये बने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Mandir Trust) के खाते से जालसाजी कर निकाले गये छह लाख रुपये ट्रस्ट को वापस मिल गये हैं। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चम्पतराय (Champat Rai) ने बताया कि फर्जी चेक पर हस्ताक्षर करके श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Shri Ram Mandir Trust) के भुगतान खाते से निकाल कर पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) में ट्रान्सफर कराये गये छह लाख रुपये भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने वापस ट्रस्ट के खाते में जमा करा दिया है। उन्होंने इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक के सम्बन्धित अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया है।

चम्पतराय बताया कि लखनऊ के दो बैंकों से चेक क्लोनिंग के जरिये श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से यह रकम निकाली गयी। जालसाज ने तीसरी बार रकम निकालने की कोशिश की तो उन्हें फोन से सूचना दी गयी। ट्रस्ट के खाते से रुपये निकाले जाने को लेकर हडकम्प मच गया। इसको कोतवाली अयोध्या में अज्ञात जालसाज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि एक सितम्बर को लखनऊ के एक बैंक से ढाई लाख रुपये निकाले गये। उसके दो दिन बाद साढ़े तीन लाख रुपये निकाले गये। तीसरी बार जब नौ लाख छियासी हजार का तीसरा चेक लखनऊ के ही बैंक ऑफ बड़ौदा में लगाया गया तो वेरीफिकेशन के लिये ट्रस्ट को लखनऊ से कॉल किया गया, जिसके बाद ट्रस्ट ने इस तरह के किसी भी भुगतान से इन्कार कर दिया।

ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने जब खाता चेक किया तो छह लाख रुपये निकाले जाने की जानकारी मिली। इसके बाद रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने इस मामले की जानकारी अयोध्या पुलिस को देते हुए मुकदमा दर्ज कराया। क्लोन चेक के जरिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खाते से जालसाजी कर छह लाख रुपये निकाले जाने के बाद ट्रस्ट सतर्क हो गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पेमेंट करने के तरीके में बदलाव करने का निर्णय लिया है। ट्रस्ट अब चेक के जरिए कोई भुगतान नहीं करेगा। अधिकांश भुगतान आरटीजीएस के जरिए होगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अब भुगतान के लिए आरटीजीएस प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा। खाते की सुरक्षा के लिए बैंक से लगातार बात हो रही है। उन्होंने कहा कि बैंकों की यह बड़ी चूक है कि क्लोन चेक को क्यों नहीं पकड़ा।