बिहार में गिरे 300 पुल? सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, नीतीश सरकार से बोले CJI संजीव खन्ना- आपकी ये स्कीम वो स्कीम, अब ट्रांसफर…

बिहार में एक के बाद एक पुलों के गिरने की घटनाओं को लेकर दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के पास भेज दिया है. हाईकोर्ट इस पर 14 मई से सुनवाई शुरू करेगा. याचिकाकर्ता ने पुलों की सुरक्षा जांच को लेकर उठाए जा रहे कदमों की मॉनिटरिंग करने की मांग की है. निर्माण के दौरान 3 पुलों के गिर जाने के मामले में अधिकारियों के खिलाफ चल रही विभागीय जांच की भी निगरानी करने की मांग की है. याचिकाकर्ता की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकारों को सुरक्षा जांच की मॉनिटरिंग और अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच की निगरानी करने का निर्देश दे.
कोर्ट मे याचिका दाखिल कर बिहार सरकार को पुलों का ऑडिट करने का निर्देश देने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया कि इसके लिए राज्य सरकार को निर्देश दें कि वह हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी बनाए, जो पुलों की निगरानी करे और कमजोर पुलों की पहचान करे और उनको मरम्मत कर मजबूत किया जाए.
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने रजिस्ट्री को 4 हफ्ते के अंदर मामला हाईकोर्ट ट्रांसफर करने का निर्देश दिया है. बिहार सरकार की ओर से दिए गए काउंटर पर सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, ‘हमें पता है, आपके काउंटर का पहला पन्ना हमने पढ़ा है, बिहार के पास ये स्कीम है, वो स्कीम है.’ उन्होंने आगे कहा कि बेंच ने राज्य सरकार का जवाब पढ़ लिया है और सुप्रीम कोर्ट इस मामले को पटना हाईकोर्ट ट्रांसफर कर रहा है. उन्होंने कहा कि वो जांच की डिटेल्स भी हाईकोर्ट को भेजी जा रही हैं, जिसमें राज्य सरकार ने बताया है कि वो इस मामले में क्या कर रहे हैं.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा कि बिहार में पुल टूट रहे हैं और कोई उनका निरीक्षण नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक 300 पुल गिर चुके हैं और जिम्मेदार लोगों को सस्पेंड किया जाता है, लेकिन थोड़े समय बाद उनको फिर वापस बुला लिया जाता है.