सुरक्षा में 10 पुलिसवाले, फिर भी हो गई संजीव जीवा की हत्या
लखनऊ: मुख्तार अंसारी गैंग के शूटर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को सुबह करीब 11:30 बजे लखनऊ जिला जेल से सेशन कोर्ट के लिए रवाना किया गया था। उसकी सुरक्षा में 10 पुलिसकर्मी थे। इनमें दो एसआई, पांच कॉन्स्टेबल और तीन हेड कॉन्स्टेबल थे। पुलिसकर्मी जीवा को लेकर दोपहर करीब दो बजे कोर्ट पहुंचे। पुलिस अभिरक्षा में 10 सशस्त्र पुलिसकर्मियों के तैनात होने के बावजूद कोर्ट रूम में बंदी की हत्या ने पुलिस के सुरक्षा के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विपक्ष ने उठाए सवाल
विपक्ष ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरा। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। कचहरी, थाने, कोर्ट में हत्याएं हो रही हैं। इस पर सपा बोलेगी तो सरकार कहेगी कि समाजवादियों ने मरवा दिया। वहीं, बसपा सुप्रीम मायावती ने कहा कि यह वारदात सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।
आरोपित पर दर्ज हैं दो मुकदमे
हत्यारोपित आनंद पर दो मुकदमे दर्ज हैं। इनमें एक मुकदमा जौनपुर के केराकत थाने में कोविड काल में मास्क न लगाने पर दर्ज किया गया था। दूसरा मामला आजमगढ़ के देवगांव थाने में पॉक्सो ऐक्ट के तहत दर्ज है। सूत्रों का कहना है कि आनंद आजमगढ़ में मिठाई की दुकान में काम करता था। वहीं रहने वाली एक किशोरी को वह बहलाकर भगा ले गया था।