आर्थिक आजादी के लिए युवा शक्ति को आगे आना होगा: वर्मा

- सहारनपुर में किसानों की बैठक को सम्बोधित करते भगतसिंह वर्मा।
सहारनपुर [24CN]। पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय संयोजक भगत सिंह वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की गलत नीतियों के चलते देश आर्थिक रूप से कमजोर हो रहा है। भगतसिंह वर्मा आज ग्राम हलगोवा में किसानों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 14 सितंबर 2022 को कमिश्नरी कार्यालय सहारनपुर में गन्ना किसान बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक चौधरी बख्तावर सिंह के नेतृत्व में आर्थिक आजादी के लिए अन्नदाता किसान बड़े संघर्ष की घोषणा करेंगे।
उन्होंने कहा कि देश की आम जनता की क्रय शक्ति लगातार घट रही है। देश में आर्थिक आजादी लाने के लिए युवा शक्ति को आगे आना होगा जिसकी शुरुआत 14 सितंबर कमिश्नरी कार्यालय सहारनपुर से की जाएगी। उन्होंने कहा कि चीनी मिलें गन्ना किसानों को समय से गन्ना भुगतान नहीं कर रही हैं और पिछले वर्षों में देरी से किए गए गन्ना भुगतान पर ब्याज नहीं दे रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चीनी मिलों से बगास खोई के मूल्य के बराबर भी गन्ना मूल्य नहीं दिला पा रही है।
भगत सिंह वर्मा ने कहा कि किसान आर्थिक आजादी की लड़ाई के लिए गन्ने का लाभकारी रेट घ्600 कुंटल लेने के लिए चीनी मिलों से गन्ना भुगतान कराने के लिए और चीनी मिलों से बकाया ब्याज लेने के लिए परदेस में तेलंगाना राज्य की तरह किसानों को नि:शुल्क बिजली दिलाने के लिए किसानों को 1 हेक्टेयर भूमि पर कम से कम 50000 मुआवजा सम्मान निधि प्रतिवर्ष दिलाने के लिए किसानों के कर्ज माफ करने के लिए सभी सड़कों व हाईवे से टोल टैक्स समाप्त कराने के लिए अग्नीपथ योजना रद्द कराने के लिए प्रदेश में बिजली के रेट आधे कराने के लिए हजारों की संख्या में सहारनपुर कमिश्नरी कार्यालय पहुंचने का आह्वान किया। बैठक में भगत सिंह वर्मा ने कहा कि प्रदेश में गन्ने का लाभकारी मूल्य600 क्विंटल कराने तक गन्ना किसानों का संघर्ष जारी रहेगा।
बैठक को भारतीय किसान यूनियन वर्मा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अशोक मलिक, प्रदेश सचिव चौधरी ऋषि पाल प्रधान ने भी सम्बोधित किया। बैठक में सिकंदर इस्लाम, अध्यक्ष सोम प्रकाश प्रधान, मंजूर अहमद, राशिद, जुनेद, अरशद, हरदिन प्रधान, अब्दुल कयूम, जियाउल हक, अमजद, राशिद, हाजी गफ्फार, मुस्तकीम, शौकत, नदीम, नौशाद, हरिराम, अलीशान, शकूर, माजिद, फैयाज, जाबिर आदि किसान मौजूद रहे।