भगवान को आप जिस रूप में पूजते हो वह उसी रूप में आपको नजर आयेगें: दीदी

- श्रीगीता भवन में चल रही श्रीमद भागवत कथा का हुआ समापन
देवबंद [24CN]: श्री गीता भवन में चल रहे 36वें नर सेवा द्वारा सात दिनो तक चलने वाली श्रीमद भागवत कथा में कथा वाचक दीदी रक्षा सरस्वती ने श्रद्धालूओं को बताया कि भगवान को आप जिस रूप में पूजते हो वह उसी रूप में आपको नजर आयेगें। यदि आप कृष्ण के रूप में पुजते हो तो वह कृष्ण के रूप में मिलेंग,े राम के रूप में पूजो तो राम के रूप में मिलते है लेकिन परमान्ता एक ही है एक ही शक्ति है सिर्फ रूप अनेक है।
कथा के दौरान दीदी रक्षा सरस्वती ने सुदामा जी और कृष्ण जी का भाव विभोर करने वाला प्रसंग सुनाया जिसको सुनकर श्रद्धालूओं की आंखों में आंसु आ गये और भगवान के द्वारा सुदामा जी के चरण धोने का सुंदर व्यख्याान करते हुए बताया कि कैसे श्री कृष्ण सुदामा के महल मे आने पर दौडकर सुदामा के पास जाते है और उनके चरण अपने आंसुओं से धोते है और दो लोक का राज्य उनको दे दिया।
सरस्वती दीदी’ ने कहा की कोई जरूरमंद आपके द्वार पर आता हैं तो उसको दुत्कारना नही चाहिए जितना संभव हो सके अपनी सामर्थय अनुसार उसकी मदद करनी चाहिए। कथा के दौरान महिला मंडल द्वारा सन्यासी रक्षा सरस्वती का स्वागत तिलक तथा शाॅल ओढाकर उनका अभिन्नदन किया गया। कथा के यजमान आदेश गर्ग व श्रीमति मीनू गर्ग रहे तथा प्रसाद का वितरण गोपाल अरोडा द्वारा किया गया।
इस मौके पर राजकुमार गर्ग, प्रमोद बंसल, अलंकार, भुवन किशोर, अलंकार गुप्ता, अपरा बंसल, ममता रस्तौगी, मधु रस्तौगी, मनीष, अनुज, रितेश बंसल, आखिल शर्मा, डा0 आर्यवृत शर्मा, संजय मित्तल, नीतू, शालिनी, अपर, मीरा अनिता पल्लवी संजय, छवि बंसल, मंजु शर्मा, विमला, मीरा, अनिता, मनीषा, पल्लवी वर्मा आदि श्रद्धालूगण उपस्थित रहे। कथा के समापन पर सुधीर गर्ग, रितेश बंसल ने सभी आगंतुकों और कथा वाचक का आभार व्यक्त किया।