तुम भी मन्दिर में करो पूजा वतन की खातिर: महबूब मीरापुरी

तुम भी मन्दिर में करो पूजा वतन की खातिर: महबूब मीरापुरी
  •  नव वर्ष के आगमन पर श्रीकांत वर्मा की याद में बज्मे जफर के तत्वावधान में कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन भायला बस स्टेण्ड स्थित एक वेंकट हाल में हुआ।

देवबंद [24CN] : मुशायरे में डा0 मुकर्रम, अदना मेरठी ने सुनाया कि तीर तो आ चुकें रगे जान तक, अब पशेमा हुआ करें कोई। हसरत देवबंदी का अन्दाजें बयंा कुछ युूं था आओ हम बिखरी हुई ईंटे हवेली की चुने मिलके बैठेगें तो फिर हिन्दुस्तां हो जायेगा। छत्तीसगढ से आयी दिव्या नेहा दुबे ने सुनाया कि हमे वो रोज नया एक मलाल देते है, ये और बात के हम हस के टाल देते है। महबूब मीरापुरी ने कुछ यूं कहा कि तुम भी मन्दिर में करो पूजा वतन की खातिर, हम भी अब चल दिये महबूब इबादत के लिये। साहिल माधोपुरी ने सुनाया कि अगर सच्ची लगन जाहिद तेरे सजदे में आ जाये, कोई मुश्किल नही दुनियंा तेरे हुजरे में आ जाये। जावेद आसी का अन्दाज कुछ यूं था कि ये सियासत है कभी इसका यकीं मत करना, दिन बताया है तुम्हे रात भी हो सकती है। इसके अलावा डा0 शाबिर बेहटवी, अलीम वाजिद, नईम अख्तर, उस्मान उस्मानी, प्रदीप मायूस, अन्सर अजंुम, वाजिद मेरठी, फहीम असर, नदीम अनवर, नफीस अहमद, सलमान दिलकश, अनवर मुजतर, सुहैल देवबंदी, नूर देवबंदी ने अपना अपना कलाम पेश कर खुव वाही बटौरी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता गन्ना समिति की पूर्व चैयरमेन दिलशाद गौड तथा उदघाटन हैदर अली, दीप प्रज्जवलित अजय गांधी, शमा रोशन सभासद चैधरी प्रवेज द्वारा की गई। तथा सचांलन जीगर देवबंदी द्वारा किया गया। इस अवसर पर हाजी शमीम अहमद, मुकीम अब्बासी, वरयाम खान, डा0 अशफाक उल्ला खां, असलम मुखिया, असंार मसूदी, कारी आफताब, इदरीश असंारी, नसीर असंारी, आदि मौजूद रहे।