लखनऊ। गोरखपुर में व्यापारी मनीष गुप्ता हत्याकांड के मुख्य आरोपित तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह के चिनहट स्थित सतरिख रोड पर बनाए गए अवैध मकान पर लविप्रा ने बुलडोजर चला दिया। भवन को किराएदारी के उद्देश्य से बनाया गया था। हर कमरे में किचन व शौचालय की व्यवस्था थी। कार्रवाई से पहले ताला तोड़कर परिसर के हर कमरे में देखा गया कि कोई व्यक्ति तो परिसर में नहीं है।
उसके बाद लविप्रा उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी के आदेश पर प्रवर्तन जोन-एक के जोनल अधिकारी/विहित प्राधिकारी अमित राठौर के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान कई थानों की पुलिस व पीएएसी भी मौजूद रही। लविप्रा ने कार्रवाई से पूर्व अनाधिकृत निर्माण के संबंध में 12 अक्टूबर 2021 को वाद संख्या 385/2021 को 18 अक्टूबर 2021 को लविप्रा ने पंजीकृत किया था।
लविप्रा के मुताबिक प्रिंस, जगतनारायण सिंह व अन्य भूखंड संख्या आठ देवराजी विहार सरायशेख, सतरिख रोड, लखनऊ के विरुद्ध उत्तर प्रदेश नगर योजना एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 27 (1) के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया था। फिर भी जगत नारायण व उनके यहां से कोई भी लविप्रा की विहित प्राधिकारी की कोर्ट में उपस्थित नहीं हुआ। इसके बाद लविप्रा ने भवन पर नोटिस चस्पा करवाई और दो दिसंबर 2021 तक उपस्थित होकर पक्ष रखने को कहा गया, फिर भी कोई नहीं आया।
फिर लविप्रा ने अंतिम नोटिस 18 जनवरी 2021 को भेजी गई और एक फरवरी 2022 को उपस्थित होने के आदेश दिए गए। इसके बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ। टीम ने मौके पर पाया कि जगतनारायण सिंह द्वारा बिना मानचित्र स्वीकृत कराए सेटबैक कवर्ड कर द्वितीय तल तक निर्माण कराया गया है। प्रवर्तन जोन-एक के जोनल अधिकारी/विहित प्राधिकारी अमित राठौर के साथ अवर अभियंता सुभाष शर्मा, इम्तियाज अहमद और सुरेन्द्र द्विवेदी सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
बाक्स क्या था मामला गोरखपुर के कृष्णा पैलेस में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की राम गढ़ ताल के तत्कालीन इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह व अन्य पुलिस कर्मियों पर पीटकर हत्या करने का आरोप है। इस मामले में छह पुलिस कर्मी जेल में बंद भी हैं। चिनहट के सतरिख में बना भवन जगत नारायण सिंह का ही है।