वक्फ कानून खत्म करने पर छिड़ी बहस, इमरान मसूद के बयान पर योगी के मंत्री अनिल राजभर का करारा जवाब

मंत्री राजभर ने जोर देकर कहा कि वक्फ अधिनियम भारतीय संसद द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान की शक्तियों के तहत पारित कानून है। ऐसे में इसे खत्म करने की बात करना संविधान और संसद दोनों का अपमान है। उन्होंने कहा कि यह विचार पूरी तरह से गलत और संविधान विरोधी है। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने सोमवार को सहारनपुर में कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संगठन सृजन अभियान कार्यक्रम के दौरान विवादित बयान देते हुए कहा, कांग्रेस की सरकार बनते ही एक घंटे के भीतर वक्फ अधिनियम को खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा और उसे पक्षपाती बताया। सांसद मसूद वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर गठित संयुक्त समिति के सदस्य भी हैं।
ये है विधेयक
गौरतलब है कि संसद ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को हाल ही में पारित किया है। 4 अप्रैल को राज्यसभा में इस पर 13 घंटे से अधिक बहस हुई, जिसमें 128 मत समर्थन में और 95 विरोध में पड़े। लोकसभा ने इसे 3 अप्रैल को पारित किया था, जिसमें 288 सदस्यों ने समर्थन और 232 ने विरोध किया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को विधेयक को मंजूरी दे दी, जिससे यह कानून बन गया।
ये है आरोप
बीते सोमवार को मसूद ने केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा पर भी तीखे आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आज की भाजपा सरकार संविधान को कमजोर करने की साजिश रच रही है। सरकार की नीति है कि देश के 10% लोगों को सत्ता सौंप दी जाए और बाकी 90% को एक नई गुलामी की ओर ढकेल दिया जाए। उन्होंने कहा कि आज आम जनता के अधिकार छीने जा रहे हैं, लोकतांत्रिक ढांचा खतरे में है और भाजपा की ‘विश्वगुरु’ सरकार ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य तक बना दिया।