योगी सरकार का एक्शन: मनोज सिंह के हटाए जाने के 24 घंटे के अंदर उनके प्रधान निजी सचिव भी हटाए गए
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव पद से आईएएस मनोज सिंह को हटाए जाने के बाद सोमवार को उनके प्रधान निजी सचिव राजीव कुमार को भी विभाग से हटा दिया गया। सचिवालय प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से राजीव कुमार को केंद्रीय अनुभाग में बाध्य प्रतीक्षा में डालने का आदेश जारी किया है। यह आदेश सचिवालय प्रशासन के विशेष सचिव की ओर से जारी हुआ।
- प्रधान निजी सचिव भी पर्यावरण विभाग से हटाए गए
- एनजीटी की शिकायतों के चलते रविवार को मनोज सिंह को प्रतीक्षारत कर दिया गया था
लखनऊ: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा गंगा नदी में प्रदूषण और तीन स्लाटर हाउस को गलत तरीके से एनओसी दिए जाने पर नाराज़गी जताने के बाद यह कार्रवाई हुई। रविवार को मनोज सिंह को पद से हटाने के बाद सोमवार को उनके प्रधान निजी सचिव राजीव कुमार को भी हटा दिया गया। इस त्वरित कार्रवाई के चलते प्रशासनिक हलकों में चर्चाएं हैं, क्योंकि मनोज सिंह की सेवानिवृत्ति में मात्र 51 दिन शेष थे। अब वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का अतिरिक्त दायित्व प्रमुख सचिव अनिल कुमार तृतीय को सौंपा गया है, जो श्रम एवं सेवायोजन तथा भूविज्ञान एवं खनन विभाग के भी प्रमुख सचिव हैं।
मनोज सिंह को क्यों हटाया गया? रविवार को सरकार ने 10 आईएएस अधिकारियों का तबादला करते हुए मनोज सिंह को प्रतीक्षारत कर दिया। माना जा रहा है कि गंगा नदी में प्रदूषण को लेकर एनजीटी की सख्त टिप्पणी को गंभीरता से लेते हुए यह फैसला लिया गया। एनजीटी ने कहा था कि गंगा का पानी गंदगी के कारण आचमन योग्य नहीं है। एनजीटी ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से गंगा प्रदूषण की समस्या को हल करने और जल को स्वच्छ बनाने के लिए चार सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं मनोज सिंह 1989 बैच के आईएएस अधिकारी मनोज सिंह 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। सेवानिवृत्ति से 51 दिन पहले ही सरकार ने उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया है और उनके विभाग का अतिरिक्त प्रभार प्रमुख सचिव अनिल कुमार तृतीय को सौंपा है।