त्यागी समाज की पोलिंग ताकत की थाह लेने में जुटी योगी सरकार

त्यागी समाज की पोलिंग ताकत की थाह लेने में जुटी योगी सरकार

नोएडा/लखनऊ/सहारनपुर: श्रीकान्त प्रकरण में सत्ता पक्ष के नेताओ के दबाव में प्रशासन द्वारा श्रीकान्त की पत्नी सहित अन्य पारिवारिक सदस्यों के उत्पीड़न के विरोध में त्यागी समाज के ऐतिहासिक समर्थन मिलने के बाद योगी सरकार के कान खड़े हो गए है।

मीडिया रिपोर्ट के आँकलन कि ‘त्यागी व जाट समाज मिलकर पश्चिम से भाजपा की विदाई करने में सक्षम है’ के बाद योगी सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। इस रिपोर्ट के बाद सरकार ने पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लोकल इंटेलीजेन्स को त्यागी समाज की ताकत की टोह लेने का काम सौंप दिया। लोकल इंटेलेजेन्स से त्यागी समाज की पोलिंग रिपोर्ट मांगी गई है। वास्तव में अब कोई भी निर्णय करने से पहले सरकार त्यागी समाज की वोट की ताकत को ठीक से समझ लेना चाहती है।

दरअसल, श्रीकान्त प्रकरण में सरकार से कई गलत निर्णय हुए। सबसे पहले तो गली-मोहल्लों की गाली-गलोच को राष्ट्रीय मुद्दा बनाना एक भूल थी। दूसरे कुछ नेताओ को सत्ता का दुरुपयोग करने देना भी बड़ी गलती रही।

इस प्रकरण पर त्यागी समाज को सर्वसमाज का समर्थन मिल रहा है। जाट समुदाय के साथ-साथ, राजपूत समाज, गुज्जर समाज भी त्यागी समाज के साथ खड़ा है। भारतीय किसान यूनीयन भी त्यागी समाज के समर्थन में खड़ी दिखाई दे रही है। कुल मिलाकर यह प्रकरण अब सरकार के गले की फांस बन चुका है।

नोएडा में त्यागी समाज की 21 अगस्त को पंचायत है। इंटेलीजेन्स रिपोर्ट के साथ-साथ इस पंचायत की सफलता या असफलता भी सरकार के आगे के निर्णयों को प्रभावित करेगी।