यूपी की योगी सरकार ने पीएम आवास योजना के बदले नियम, इनके नाम से ही स्वीकृत होंगे नए घर
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी योजना के तहत मिलने आवास के नियमों में बड़ा बदलाव किया है जिसके तहत यूपी में प्रधानमंत्री आवास योजन (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के नियमों में बड़ा बदलाव का ऐलान किया गया है। अब आवास केवल महिला मुखिया के नाम पर ही स्वीकृत किए जाएंगे। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इसका ऐलान किया है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण एवं मिशन शक्ति अभियान को ध्यान में रखते हुए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये हैं।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर प्रधानमंत्री आवास योजना -ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री आवास योजना- ग्रामीण के तहत दिये जाने वाले आवास केवल महिला मुखिया के नाम ही स्वीकृति किये जाएंगे और साथ ही पुरुष मुखिया के नाम स्वीकृत आवासों को महिला मुखिया का नाम अनिवार्य रूप से जोड़ा जाएगा।
महिला मुखिया के नाम ही स्वीकृत होंगे नए घर
मौर्य ने कहा है कि अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत पक्के आवास केवल महिला मुखिया के नाम ही स्वीकृत किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि महिला मुखिया के नाम आवास स्वीकृत किये जाने के पीछे उद्देश्य यह है कि उनके भीतर स्वामित्व का भाव आये तथा महिलाएं समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें। इसके तहत अब पुरुष के नाम स्वीकृत आवास में भी महिला मुखिया का नाम अनिवार्य रूप से जोड़ा जाएगा।
विभाग की तरफ से दिया गया आवंटित घरों का ब्यौरा
ग्राम्य विकास विभाग ने जानकारी दी है कि, वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत महिला मुखिया के नाम स्वीकृत आवास 40.14 प्रतिशत है तथा पति-पत्नी के संयुक्त नाम से स्वीकृत आवास का प्रतिशत 51.74 हैं। इस तरह कुल 91.87 प्रतिशत आवास महिला मुखिया अथवा पति-पत्नी दोनो के संयुक्त नाम से स्वीकृत किये गये हैं। वहीं, मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत 29.25 प्रतिशत आवास महिला मुखिया तथा 37.78 प्रतिशत आवास पति-पत्नी दोनों के संयुक्त नाम से स्वीकृत किये गये हैं। इस तरह कुल 67.03 प्रतिशत आवास महिला मुखिया अथवा पति-पत्नी दोनों के संयुक्त नाम से स्वीकृत किये गये हैं।