संस्कारी व्यक्ति पर ही फलेगी योग विद्या: स्वामी भारत भूषण
- सहारनपुर में कम्पनी बाग में आयोजित योग शिविर में योग करते साधक।
सहारनपुर। योग गुरू पदमश्री भारत भूषण ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का अर्थ एक दिन का योग नहीं बल्कि हर दिन को योगमय बनाना है। योगगुरू पदमश्री स्वामी भारत भूषण आज कम्पनी बाग से योग संस्कार भिक्षा अभियान के शुभारम्भ पर आयोजित विशाल योग शिविर में साधकों को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि योग के मूलभूत संस्कारों के बिना हम योग के ज्ञाता, प्रवक्ता और आसनों के पारंगत तो बन सकते हैं लेकिन योगी नहीं। इसलिए योग को सही रूप में अपनाकर व्यक्ति परिवार व देशहित में पूरा लाभ लेने के लिए संकल्प जरूरी है जिनकी भिक्षा मुझे चाहिए। उन्होंने कहा कि आमतौर पर योग शिविर, आसन, प्राणायाम और बीमारियां ठीक करने के दावों तक सिमट कर रह जाते हैं, लेकिन योग वैचारिक और सांस्कृतिक रोगों को मिटाने और सामाजिक माहौल को संवारने का भी जरिया है। उन्होंने कहा कि आज नई पीढ़ी को सुविधा नहीं संगति व संस्कार देने की जरूरत है।
सीनियर सिटीजन वैलफेयर एसोसिएशन के संस्थापक के. एल. अरोड़ा ने कहा कि योग गुरू भारत भूषण का मानना है कि संस्कारविहीन विज्ञान और शिक्षा दोनों ही विकास के बजाए विनाश की ओर ले जाते हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि अपनी साधना के बल पर योग व आध्यात्म का सही और नई पहचान देने वाले गुरू भारत भूषण के मार्गदर्शन में योग दिवस का यह विकसित रूप भी दुनिया को देखने को मिलेगा।
मां शाकम्भरी विश्वविद्यालय के कुलपति हृदयशंकर सिंह ने माता-पिता से आह्वान करते हुए उम्मीद जताई कि वह अपने पूरे परिवार का माहौल बदलने के लिए इस योग, संस्कार, संकल्प, भिक्षा अभियान के संदेश के ध्वज वाहक बनने का गौरव प्राप्त करें। महापौर डा. अजय सिंह ने कहा कि योग संस्कार संकल्प भिक्षा अभियान भी अपनी खोजी प्रवृत्ति और तप से योग को नई ऊंचाइयां देने के लिए प्रसिद्ध मोक्षायतन योग संस्थान की विश्व स्तर पर योग जगत को नई देन होगी और इससे सुविधाभोगी होती जा रही नई पीढ़ी को सुविधा नहीं संगति और संस्कार की महत्ता का लाभ मिलेगा। इस दौरान पूर्व विधायक लाजकृष्ण गांधी सहित मोक्षायतन अंतर्राष्ट्रीय योग संस्थान व सीनियर सिटीजन वैलफेयर सोसायटी के पदाधिकारी मौजूद रहे।
