पहलवानों को सुबह ही हो गया था दिल्ली पुलिस के एक्शन का अंदेशा, ऐसे चला पूरा घटनाक्रम

नई दिल्ली। जंतर मंतर धरने पर बैठे पहलवानों और उनके समर्थकों को रविवार सुबह ही पुलिस की कार्रवाई का अंदेशा हो गया था। सुबह से ही धरनास्थल व उसके आसपास भारी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात किया गया था। पुलिस ने धरनास्थल की तरफ जाने वाले सारे रास्तों पर बैरिकेड लगाकर बंद कर दिए।
पुलिस ने नहीं दी नए संसद जाने की अनुमति
जनपथ बाजार और जनपथ मेट्रो स्टेशन के पास पुलिस ने समर्थकों को रोक दिया। यहां पर पहलवानों के समर्थकों ने केंद्र सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने किसी को भी नए संसद और जंतर मंतर जाने की अनुमति नहीं दी।
पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को धरने से हटाने के बाद पुलिस ने टेंट में बैठे समर्थकों को बाहर आने के लिए कहा। इस पर समर्थकों ने पुलिस का विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने बलपूर्वक सभी को बाहर निकालकर हिरासत में ले लिया। इस दौरान धरनास्थल पर अफरातफरी मच गई।
पुलिस ने धरनास्थल पर लगे टेंट उखाड़ फेंके
धरने पर आई महिलाओं ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। तब महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में लेकर बस में बैठा दिया। पुलिस ने धरनास्थल पर लगे टेंट को भी उखाड़ दिया।
हरियाणा-यूपी-पंजाब समेत पांच राज्यों आने थे समर्थक पहलवानों ने नई संसद के सामने रविवार को महिला महापंचायत करने का फैसला किया था।
महापंचायत भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर होनी थी। महिला महापंचायत में हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब और दिल्ली की खापों के लोग और किसान शामिल होने वाले थे।
कई बड़े नेता व हस्तियों ने किया धरने का समर्थन पिछले दिनों खिलाड़ियों को समर्थन देने के लिए जंतर मंतर पर विभिन्न पार्टियों के कई बड़े नेता और अन्य हस्तियां धरनास्थल पर पहुंची।
राजनीतिक पार्टियों को किया था आमंत्रित
इनमें कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, रणदीप सुरजेवाला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सचिन पायलट, किसान नेता राकेश टिकैत, नरेश टिकैत, मुक्केबाज विजेंद्र सिंह, रालोद के नेता जयंत चौधरी, पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक सहित अन्य लोग शामिल हैं। पहलवानों ने दूसरी बार शुरू किए गए धरने पर समर्थन के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों को आमंत्रित किया था।
ऐसे चला पूरा घटनाक्रम
- 18 जनवरी, 2023 को जंतर-मंतर पर पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कई महिला पहलवानों का यौन शोषण किया है।
- 21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से पहलवानों की मुलाकात हुई और धरना खत्म हो गया। उन्होंने कहा कि मामले में कमेटी गठित कर चार हफ्ते के अंदर इसकी जांच रिपोर्ट आएगी।
- 23 अप्रैल को पहलवान दोबारा जंतर-मंतर पर धरना देने पहुंच गए। उन्होंने कहा कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती है, धरना जारी रहेगा।
- 28 अप्रैल को पहलवानों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की गई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो एफआइआर दर्ज की। एक एफआइआर नाबालिग पहलवान के यौन उत्पीड़न और दूसरी वयस्क महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के संबंध में है।
- 3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई। झड़प में पहलवान राकेश यादव और विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत को चोटें आईं।
- 7 मई को जंतर-मंतर पर खापों की महापंचायत हुई। इस महापंचायत में बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
- 21 मई को फिर महापंचायत हुई, जिसमें में कई निर्णय लिए गए।
- 22 मई को पहलवानों ने बृजभूषण की नार्को टेस्ट करवाने की चुनौती को स्वीकार किया। साथ ही कहा कि टेस्ट प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो और पूरा लाइव टेलीकास्ट हो।
- 23 मई की शाम को पहलवानों ने इंडिया गेट पर प्रदर्शन किया।कैंडल मार्च निकालकर बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की।
- 25 मई को विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जींद के खटकड़ टोल पर आयोजित महापंचायत पर पहुंचे। जहां उन्होंने लोगों को 28 मई को दिल्ली के नई संसद भवन के सामने होने वाली महिला महापंचायत में शामिल होने का आंमत्रण दिया।
- 26 मई को पहलवानों ने प्रेस कान्फ्रेंस की। कहा कि 28 मई को वे धरनास्थल से नए संसद भवन तक का मार्च करेंगे। इस बीच दिल्ली पुलिस उन्हें जहां भी रोकेगी, वे वहीं पर ही महापंचायत करेंगे।
- 27 मई को दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ चल रही जांच की स्थिति रिपोर्ट राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल की। पुलिस ने बताया कि पहलवानों के 164 के तहत बयान दर्ज किए गए हैं।
पहलवान का ट्वीट, आंदोलन अभी खत्म नहीं
देर शाम साक्षी मलिक ने ट्वीट किया कि उनका आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। वे दोबारा जंतर-मंतर पर पहुंचकर सत्याग्रह जारी रखेंगे। इस ट्वीट के बाद जंतर-मंतर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। वहां लंबे समय तक पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी। वहीं, नई दिल्ली जिले के डीसीपी प्रणव तायल का कहना है कि पहलवानों को किसी सूरत में दोबारा जंतर-मंतर पर धरने पर नहीं बैठने दिया जाएगा।
पहलवानों समेत 109 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
दिल्ली पुलिस ने बजरंग पूनिया, साक्षी मालिक, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट समेत आयोजकों और जंतर-मंतर से हिरासत में लिए गए सभी 109 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
उनके खिलाफ दंगा करने की विभिन्न धाराओं, लोकसेवक के सरकारी काम में बाधा उत्पन्न करने, लोकसेवक के वैधानिक आदेश की अवहेलना करने, लोकसेवकों के साथ मारपीट करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें कुछ जमानती और कुछ गैरजमानती हैं।
इन धाराओं के तहत अधिकतम सात साल से कम सजा का प्रविधान है। इसलिए कानूनन पुलिस आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। पहलवानों को केस से जूझने में करीब 10 साल लग सकते हैं।