प्रथम नवरात्रे पर की मां शैल पुत्री की पूजा-अर्चना

प्रथम नवरात्रे पर की मां शैल पुत्री की पूजा-अर्चना
  • सहारनपुर में प्रथम नवरात्र पर मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करते श्रद्धालु।

सहारनपुर [24CN] । चैत्र नवरात्रे पर आज श्रद्धालुओं द्वारा मां शैल पुत्री की पूजा अर्चना कर सुख स्मृद्धि की कामना की गई। इस अवसर पर आज जनपद के समस्त मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं ने कोरोना वैश्विक महामारी से मुक्ति दिलाने और नव संवत्सर सभी के लिए मंगलमय होने की कामना की। इस दौरान श्रद्धालुओं ने कामना की कि सभी के जीवन में यह वर्ष नयी उमंग व उत्साह लेकर आये। आज समस्त मंदिरों में चौत्र नवरात्र व भारतीय नवसंवत्सर 2078 सभी के लिए मंगलमय होने की कामना की गयी। आज दिन चढ़ते ही समस्त मंदिरों में पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालु पहुंचे और कोविड 19 की गाइड लाइन का पालन करते हुए पूजा अर्चना की और समस्त घरों में लोगों ने मां शैल पुत्री की पूजा-अर्चना करते हुए नवरात्रे आरंभ किए।

आज प्रत्येक घर मे पूजा-अर्चना को लेकर सुबह से ही तैयारियां शुरू कर दी गयी थी। सभी लोगों ने विधि विधान के साथ मां की आराधना करते हुए ज्योत प्रज्जवलित की। सभी के लिए मंगलमय होने की कामना भी की। चैत्र नवरात्र पर्व की पूजा को लेकर लोगों में विशेष उत्साह दिखायी दिया। लोगों ने मां की आराधना करते हुए पूजा अर्चना कर अखण्ड ज्योत को प्रज्जवलित किया तथा मंदिरों में भी घट स्थापना की गयी। राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में चौत्र नवरात्रे पर मंगल कलश घट स्थापना की गयी।

श्रीरामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वावधान में आयोजित चौत्र नवरात्रे पूजा महोत्सव में मां भगवती के षोडस मंगल कलश विधि विधान से मंत्रोच्चारण के बीच कलश स्थापना की की गयी और महाभोग अर्पण कर मां भगवती की 108 ज्योति स्थापित कर प्रज्जवलित की गयी। सभी भक्तों द्वारा मां भगवती की आरती उतारी गयी। मां भगवती पूजा के अवसर पर स्वामी कालेन्द्रानंद महाराज ने कहा कि नव दुर्गा की पावन पूजा नवसृजन कर नवचेतन का पुन: सृजन कर सृष्टि को दिव्यता प्रदान कर संतुलित कर जीव मात्र का कल्याण करती है।

महाराजश्री ने कहा कि नवदुर्गा की प्रथम शक्ति शैल पुत्री है, जो सृष्टि को धारण कर जगत का कल्याण करती है। मां भगवती ही आदि शक्ति है, वह सृष्टि का सत्तरज तम आधार पर सृष्टि का सृजन, पालन एवं संहार करती है। सृष्टि के समस्त चराचर भगवती ही चेतना के रूप में व्याप्त है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना महामारी को देखते हुए उचित दूरी बनाकर मास्क लगाकर एवं सेनेटाइजर का प्रयोग करते हुए पूजा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मां भगवती कोरोना महामारी से मुक्ति कराये, हम सब यह प्रार्थना करें। इस अवसर पर अरूण स्वामी, आचार्य अजित शर्मा, पं.नीरज मिश्रा, पं.ऋषभ शर्मा, मेहरचंद जैन, उमा, गीता, बाला, सुचेता, कमला, बबीता आदि मौजूद रहे।