शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग एवं साइंसेज विभाग द्वारा “आरटी-पीसीआर” पर कार्यशाला का आयोजन

शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग एवं साइंसेज विभाग द्वारा “आरटी-पीसीआर” पर कार्यशाला का आयोजन

गंगोह [24CN] : शोभित विश्वविद्यालय गंगोह में दिनांक 12-12-2023 दिन मंगलवार को स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग एवं साइंसेज विभाग द्वारा एक दिवसीय आरटी-पीसीआर पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में आमंत्रित मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सचिन चौहान डायरेक्टर टैक जीन, देहरादून और डॉ. मोहित जेदली वैज्ञानिक एम्स, ऋषिकेश रहे। इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्र एवं छात्राओं को आरटी-पीसीआर का महत्व और इसके उपयोगिता से अवगत करना रहा। कार्यशाला का संचालन डॉ. गरिमा वर्मा द्वारा किया गया।

कार्यशाला की शुरुआत में डीन रिसर्च एंड डीन स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग एवं साइंसेज प्रो.(डॉ.) राजीव दत्ता ने आमंत्रित मुख्य अतिथि डॉ. सचिन चौहान व डॉ. मोहित जेदली का स्वागत कर की तत्पश्चात छात्र एवं छात्राओं को आरटी-पीसीआर की महत्ता से अवगत कराया। कार्यशाला में डॉ. सचिन चौहान डायरेक्टर टैक जीन, देहरादून ने सभी छात्रों को आरटी-पीसीआर की जानकारी देते हुए बताया कि आरटी पीसीआर टेस्ट यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन टेस्ट एक ऐसा टेस्ट है, जो शरीर में वायरस का पता लगाता है, इसके सैंपल में नाक और गले से म्यूकोजा के अंदर वाली परत से स्वैब लिया जाता है। इसकी रिपोर्ट आने में सामान्यतः 6 से 8 घंटे का समय लग जाता है। आगे उन्होंने बताया कि इस टेस्ट के लिए किसी खास तैयारी की जरूरत नहीं पड़ती है, लेकिन अगर आप कोई विशेष दवा, काढ़ा या जड़ीबूटी का सेवन कर रहे हैं, तो एक बार अपने डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही सैंपल दें। तत्पश्चात डॉ. मोहित जेदली ने भी सभी छात्रों से कहा कि आरटी-पीसीआर ही सबसे बेहतर टेस्ट की रिपोर्ट देता है। उन्होंने कहा कि जब देश कोरोना काल की स्थिति में था, तब आरटी-पीसीआर के द्वारा ही इसके मरीजों को सही उपचार मिल पाया था। कार्यक्रम में प्रो.(डॉ.) मदन कौशिक ने सभी छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए उनको सुझाया कि एक सामान्य व्यक्ति तीन महीने में अपनी शारीरिक जांच हेतु ब्लड सैंपल दे सकता है। जिसका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।

इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय गंगोह के कुलपति प्रो.(डॉ.) रणजीत सिंह व कुलसचिव प्रो.(डॉ.) महिपाल सिंह ने कार्यक्रम के आयोजकों एवं सभी छात्र-छात्राओं को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। इस अवसर पर टैक जीन के डायरेक्टर डॉ. सचिन चौहान और डीन रिसर्च और स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग और साइंसेज के डीन प्रो.(डॉ.) राजीव दत्ता ने अनेक योजनाओं पर एमओयू भी साइन किया।

कार्यक्रम के अंत में स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल इंजीनियरिंग एवं साइंसेज में टीचिंग असिस्टेंट पारुल सैनी ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व सभी गणमान्यों एवं छात्र-छात्राओं का धन्यवाद व आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर प्रो.(डॉ.) मदन कौशिक, डॉ. विनय कुमार, डॉ. ऋषभ चित्रांशी, डॉ. अनिल कुमार पांडे, सोनाली राव, अनम चौधरी आदि का विशेष सहयोग रहा।


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