नई दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम एक मतदान केंद्र का प्रबंधन महिलाएं संभालेंगी। चुनाव आयोग ने कहा कि वह लैंगिक समानता और चुनाव प्रक्रिया में महिलाओं की सहभागिता के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसी के तहत निर्देश दिया गया है कि जहां तक संभव हो कम से कम एक मतदान केंद्र का प्रबंधन महिलाओं को सौंपा जाए। गोवा, मणिपुर, पंजाब,उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश में प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम एक ऐसे मतदान केंद्र बनाए जाएंगे, जिसमें पुलिसकर्मी, सुरक्षाकर्मी और सभी चुनावकर्मी महिलाएं होंगी।
साढ़े आठ करोड़ महिला मतदाता
कुल 18 करोड़ 34 लाख मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार को बताया कि इनमें साढ़े आठ करोड़ से अधिक महिला मतदाता हैं। पांच राज्यों में 24 लाख 90 हजार से अधिक नये मतदाता बने हैं। 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक पोस्टल बैलट का प्रयोग कर सकेंगे।
चुनाव आयोग ने घृणास्पद भाषणों को लेकर चेताया
चुनाव आयोग ने शनिवार को घृणास्पद भाषणों को लेकर राजनीतिक दलों को चेताते हुए कहा कि वह पांच राज्यों में पारदर्शी तरीके से विधानसभा चुनाव सुनिश्चित करवाने के लिए इंटरनेट मीडिया पर पैनी निगाह रखेगा। पांच राज्यों के लिए चुनाव तारीखों की घोषणा करने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि राजनीतिक दल और उम्मीदवार इस बात को सुनिश्चित करें कि उनके समर्थक घृणा फैलाने वाले भाषणों और झूठी खबरों (फेक न्यूज )से दूर रहें। चंद्रा ने कहा कि चुनाव के दौरान सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समाचार चैनलों पर चुनाव प्रबंधन से जुड़ी खबरों पर नजर रखी जाएगी। किसी भी नियम का उल्लंघन होने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते प्रसार के बीच ही चुनाव आयोग ने समय से चुनाव कराने की दिशा में तिथियों की घोषणा तो कर दी हैं, लेकिन पूरी सतर्कता और हिदायत के साथ। घोषणा के साथ ही चुनावी राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हर दल की सभाओं व रैलियों पर रोक लग गई है।