पाकिस्तान का नाम लिए बगैर PM मोदी ने कहा- आतंकवाद दुनिया की सबसे बड़ी समस्या
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को 12वें ब्रिक्स (BRICS) शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान का नाम लिए बिना बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा कि आंतकवाद दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि आतंक का समर्थन करने वाले देशों का विरोध करना भी जरूरी है।
ब्रिक्स सम्मेलन का आयोजन वर्चुअल के जरिए हो रहा है। इससे पहले साल 2019 में 11वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए पीएम ब्राजील गए थे। इस बार कोरोना महामारी के लिए यह सम्मेलन वर्चुअली हो रहा है। इस बार ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद, व्यापार, स्वास्थ्य, ऊर्जा के साथ ही कोरोना के कारण हुए नुकसान की भरपाई के उपायों जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी।
क्या है BRICS
ब्रिक्स पांच देशों का एक समूह है और इसका गठन साल 2009 में किया गया था। इस समूह में ( ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) देश शामिल हैं। इस समूह पर सबसे पहले चर्चा 2001 में गोल्डमैन सैश के अर्थशास्त्री जिम ओ नील द्वारा ब्राजील, रूस, भारत और चीन की
अर्थव्यवस्थाओं के लिए विकास की संभावनाओं पर एक रिपोर्ट में की गई थी। लेकिन पहला ब्रिक (BRIC) सम्मेलन 2009 में रूस के येकतेरिनबर्ग में हुआ था। इस समूह को ब्राजील, रूस, भारत और चीन देशों द्वारा मिलकर बनाया था। इसके बाद दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को ब्रिक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया। जिसके बाद इस समूह का नाम ब्रिक से ब्रिक्स (BRICS) हुआ।
ब्रिक्स का उद्देश्य
- ब्रिक्स सबसे बड़ा मकसद है, विकासशील देशों के लिए एक विशेष व्यापार ब्लॉक बनाना है क्योंकि व्यापार के क्षेत्र में विकासशील देशों पर विकसित देश का काफी दबदबा है और इसी दबदबे को खत्म करने के लिए ब्रिक्स देशों द्वारा व्यापार ब्लॉक बनाने का लक्ष्य बनाया गया है।
- ब्रिक्स समूह विकसित और विकासशील देशों के बीच एक पुल के रूप में भी कार्य करता है और साथ में ही विकासशील देशों को विकसित करने में उनकी मदद भी कर रहा है।
- ब्रिक्स विभिन्न वित्तीय उद्देश्यों के साथ एक नए और आशाजनक राजनीतिक-राजनयिक इकाई के रूप में उभरे।