पशु प्रजनन को बढाने के दृष्टिगत मिशन 75 ए0आई0 के अन्तर्गत जनपद में कृत्रिम गर्भाधान का हुआ शुभारम्भ

पशु प्रजनन को बढाने के दृष्टिगत मिशन 75 ए0आई0 के अन्तर्गत जनपद में कृत्रिम गर्भाधान का हुआ शुभारम्भ

पशुओं के गर्भधारण पर कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं को मिलेगी प्रोत्साहन राशि

दुग्ध उत्पादन एवं कृषकों की आय बढाना मुख्य उद्देश्य

सहारनपुर [24CN]। जिलाधिकारी श्री अखिलेश सिंह के निर्देशों के अनुपालन में जनपद में दुग्ध उत्पादन बढाने, नस्ल सुधार करने एवं कृषकों की आय को दोगुना करने के लिये पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान किये जाने के दृष्टिगत मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ0 राजीव कुमार सक्सेना ने अवगत कराया कि इस संबंध में कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया है। उन्हेाने जानकारी देते हुए बताया कि पशु प्रजनन नीति के अन्तर्गत प्रजनन योग्य पशुओं के 70 प्रतिशत ऋतु काल में आये पशुओं को उन्नत प्रजनन की सुविधा से आच्छादित करने के लिए सरकार संकल्पित है। इस नीति के अन्तर्गत कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से नस्ल सुधार एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। अजादी के अमृत महोत्सव में 100 दिवसीय मिशन-75 ए०आई० के अन्तर्गत जनपदीय माईक्रो प्लान बनाकर 15 नवम्बर 2022 से 75 लाख कृत्रिम गर्भाधान का कार्य, जिसमें अनिवार्यताः 15ः वर्गीकृत वीर्य जिससे केवल मादा वत्स उत्पन्न होते है से कृत्रिम गर्भाधान किया जायेगा।

मिशन 75 कार्यक्रम अर्न्तगत जनपद मंे कुल कृत्रिम गर्भाधान लक्ष्य परम्परागत वीर्य स्ट्राज से 86080 (पशु चिकित्सालय 21520, पशु सेवा केन्द्र 21520, पशुमित्र/प्रा०ए०आई०वर्कर 43040) है। जिसमें लक्ष्य का 15 प्रतिशत कृत्रिम गर्भाधान आच्छादन अनिवार्य रूप से वर्गीकृत सीमेन से किया जाना है जो जनपद हेतु 12912 है।

इसके अर्न्तगत धनराशि 50 रूपये प्रति कृत्रिम गर्भाधान एवं 100 रूपये प्रति उत्पन्न संतति प्राइवेट कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्त्ताओं हेतु यथावत है। गर्भधारिता दर के आधार पर योजनान्तर्गत प्रथम कृत्रिम गर्भाधान के उपरान्त सफल गर्भधारण प्राप्ति की स्थिति मंे 200 रूपये एवं द्वितीय कृत्रिम गर्भाधान के पश्चात सफल गर्भधारण प्राप्ति पर 100 रूपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि सभी (सरकारी तथा प्राइवेट) कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्त्ताओं को प्रदान की जायेगी।

उक्त कार्य की रिपोर्ट पशु चिकित्सालय स्तर पर संकलित कर प्रतिदिन प्रेषित की जायेगी जिसकी जनपद स्तर पर मुख्य पशुचिक्त्सिाधिकारी की अध्यक्षता मंे साप्ताहिक, मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता मंें पाक्षिक तथा जिलाधिकारी की अध्यक्षता मंे मासिक प्रगति समीक्षा बैठक का आयोजन किया जायेगा।

उत्त्तर प्रदेश विशाल पशु संख्या वाला प्रदेश है। दुग्ध उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि कर प्रदेश को आत्मनिर्भर/निर्यातोन्मुखी बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ पशु विकास सम्बन्धी कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है। इसके अन्तर्गत पशु प्रजनन नीति 2002 से प्रभावी है, जिसे वर्ष 2018 मंे सशोंधित किया गया है।
मुख्य चिकित्साधिकारी ;पशुधन विकास) डा0 सुनील दत्त उप द्वारा पशुचिकित्सालय रामपुर मनिहारन पर पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान किया गया।