क्या यूपी गेट पर भी सिंघु और टीकरी बॉर्डर की तरह होंगे पक्के निर्माण, पढ़िये- राकेश टिकैत ने क्या कहा

क्या यूपी गेट पर भी सिंघु और टीकरी बॉर्डर की तरह होंगे पक्के निर्माण, पढ़िये- राकेश टिकैत ने क्या कहा

नई दिल्ली । तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और गाजीपुर) पर किसानों के धरना-प्रदर्शन को साढ़े तीन महीने से भी अधिक हो चुके हैं। इस बीच तीन महीने से भी ज्यादा समय से बीच सड़क पर बैठे किसान प्रदर्शनकारियों के चलते आवागमन बंद है तो वहीं दूसरी तरफ सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर अवैध निर्माण जारी है। सिंघु और टीकरी दोनों जगहों को जोड़ लें तो अवैध पक्के निर्माण की संख्या 30 से अधिक पहुंच चुकी है।

इस बीच पश्चिम बंगाल पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एलान किया है कि सिंघु और टीकरी की तरह यूपी बॉर्डर (गाजीपुर बॉर्डर) पर पक्का अवैध निर्माण किया जाएगा। राकेश टिकैत ने कोलकाता में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि फिलहाल दिल्ली के चारों ओर पांच लाख से अधिक किसान 110 के आसपास से बैठे हैं। उन्होंने सवाल लहजे में कहा कि देश में क्या खेल होने वाला है? खेला होवे, क्या खेला होवे, ये देखने मैं यहां आया हूं। उन्होंने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार पांच लाख से ज्यादा लोगों से नहीं डर रही, जो दिल्ली के चारों ओर डेरा डाले बैठे हैं तो आपके साथ सरकर क्या खेल करेगी? इसी के साथ उन्होंने कहा कि टीकरी और सिंघु की तरह यूपी बॉर्डर पर भी पक्के निर्माण किए जाएंगे और तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तक यहां से नहीं जाएंगे।

अवैध निर्माण के साथ किसान प्रदर्शनकारी दे रहे धमकी

उधर, टीकरी बॉर्डर पर अवैध निर्माण करने वाले प्रदर्शनकारियों ने यह भी जता दिया है कि आम लोगों की परेशानी से उन्हें कोई मतलब नहीं है। टीकरी बार्डर पर अभी करीब 25 जगहों पर अवैध निर्माण दिखाई दे रहा है। इतना ही नहीं, जब कोई इनका विरोध करता है तो धमकी देने से भी वे बाज नहीं आते हैं।

लोगों की गुजारिश हरियाणा सरकार करे सख्त कार्रवाई

झाड़ौदा गांव निवासी अशोक पंडित ने बताया कि पक्के निर्माण के साथ-साथ रोड पर समरसिबल भी प्रदर्शनकारियों ने लगा रखे हैं। उसे टेंट से ढंक दिया है, जिससे कि किसी को पता नहीं चले। ये प्रदर्शन की आड़ में अब नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आते हैं। आम लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। हरियाणा सरकार को इनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।