गुजरात में केजरीवाल का ‘ब्रह्मास्त्र’, सॉफ्ट हिंदुत्व के दांव से क्या मुस्लिमों के भी मिलेंगे वोट?

गुजरात में केजरीवाल का ‘ब्रह्मास्त्र’, सॉफ्ट हिंदुत्व के दांव से क्या मुस्लिमों के भी मिलेंगे वोट?

अभी कुछ दिन पहले चुनाव प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल ने नोट पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की तस्वीर लगाने की बात कहकर सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पकड़ी है.

New Delhi : गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने कमर कस ली है. एक तरफ जहां बीजेपी और कांग्रेस टिकट बंटवारे की रणनीति पर काम कर रहे हैं. वहीं आम आदमी पार्टी ने 108 प्रत्याशियों को मैदान में भी उतार दिया है. इस बार आप केवल विरोध तक ही सीमित नहीं है. केजरीवाल ने अपनी पार्टी को जहां विकल्प के तौर पर भी पेश किया है, वहीं सॉफ्ट हिंदुत्व का दांव भी खेला है. दिल्ली के विकास का मॉडल पेश करके भी वोटरों को लुभाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस अपने वोट बैंक को बचाने में लगे हैं.

अभी कुछ दिन पहले चुनाव प्रचार के दौरान अरविंद केजरीवाल ने नोट पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की तस्वीर लगाने की बात कहकर सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पकड़ी है. वहीं, दिल्ली के बाद पंजाब में मिली बड़ी जीत से केजरीवाल काफी खुश हैं. जहां, कांग्रेस थोड़ा कमजोर पड़ी है वहां वो आप के तौर पर जनता को एक विकल्प देना चाह रहे हैं.

AAP का सॉफ्ट हिंदुत्व

ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि गुजरात की जतना पर आम आदमी पार्टी का कितना असर हो रहा है. दरअसल, गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी का पैतरा अपनाया है. उसने अभी तक जो टिकट का बंटवारा किया है उसमें केवल एक ही मुस्लिम प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. आप ने जिन 108 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं उनमें से लगभग 15 ऐसी सीटें हैं जिनपर मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका में है.

केजरीवाल का एक तीर से दो निशाना

शायद केजरीवाल यह बात समझ गए हैं कि केवल मुसलमानों का वोट पाकर गुजरात में सरकार नहीं बनाई जा सकती. इसलिए वह हिंदुओं को लुभाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. नोटों पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मांग भी इसी का हिस्सा है. केजरीवाल को यह भी मालूम है कि अगर वो यह साबित करने में कामयाब हो गए कि बीजेपी को आप ही टक्कर दे सकती है, तो उन्हें मुस्लिम वोट साधने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी. शायद इसलिए भी उन्होंने अपना पूरा फोकस हिंदुओं पर रखा है.