क्या अकेले ही लोकसभा लड़ेंगे जयंत चौधरी? प्रदेश अध्यक्ष के बयान से हलचल

क्या अकेले ही लोकसभा लड़ेंगे जयंत चौधरी? प्रदेश अध्यक्ष के बयान से हलचल

लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक दल अपनी तैयारियों को और तेजी देने में जुट गए है। वहीं इस बार का लोकसभा चुनाव किसी भी दल को लोहे के चने चबाने जैसा साबित होने वाला है। उसी को देखते हुए बड़े दल छोटे छोटे दलों को साथ लाने में जुट गए हैं। वहीं छोटे दल अपना सियासी नफा नुकसान देखते हुए फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल (RLD) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का भी कुछ फाइनल नहीं है कि ऊंट किस करवट बैठेगा। लेकिन उससे पहले ही आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में एक दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोक दिया है।

एक दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ेगी रालोद!
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर बताया कि हम एक दर्जन लोकसभा सीटों पर अपनी तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहेंगे कि हमारा जिस किसी के साथ भी मोर्चा बने उसमें एक दर्जन पार्लियामेंट सीटें जो हमारी है, उसमें से ज्यादा से ज्यादा सीटें हम लड़ें। इससे हमारी प्रादेशिक दल की मान्यता भी बरकरार रह सके। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में एक बड़ा फ्रंट या मोर्चा बने तो उसके लिए हमारी पार्टी तैयार हैं, लेकिन राष्ट्रीय लोकदल का इस बार समझौते में एक दर्जन लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का इरादा है।

सपा के साथ चुनाव लड़ने पर नुकसान
आरएलडी प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने समाजवादी पार्टी गठबंधन पर भी सवाल उठा दिए हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम सपा के साथ विधानसभा चुनाव लड़े थे उस समय हमारे दल की मान्यता भी थी। लेकिन विधानसभा चुनाव के जो नतीजे आए उसमें राष्ट्रीय लोकदल की मान्यता भी चली गई। सपा से गठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उस चुनाव में हमारी सीटें भी प्रभावित हुई और हमारा वोट भी प्रभावित हुआ।

10 सीटें और मिल जाती तो मान्यता बच जाती
रामाशीष राय ने बीते विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कहा कि राष्ट्रीय लोकदल को 10 से 15 सीटें ज्यादा मिल गई होती, यहां तक कि 10 सीटें भी और मिल गई होती तो हमारी प्रदेश प्रादेशिक दल की मान्यता बरकरार रहती। उन्होने कहा कि हमे समझौते ऐसी बहुत सी सीटें गवानी पड़ी, जिनपर 300 से 400 वोट से हमारे उम्मीदवार हार गए।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनके कारण मथुरा, अलीगढ़ बेल्ट में माहौल भी खराब हुआ था। जिसके कारण जिन सीटों पर जीत हमारी बिल्कुल पक्की थी वो सीटें भी हार गए। जिसका दुष्परिणाम यह हुआ कि हमारी राज्य स्तरीय मान्यता भी छिन गई। इसलिए इसबार हमारी प्राथमिकता है कि जब हम 5 लोकसभा सीटे जीतकर आएंगे तभी प्रादेशिक दल की मान्यता फिर से मिलेगी।

जयंत के चावल खीर वाले ट्वीट पर प्रतिक्रिया
वहीं आरएलडी प्रदेश अध्यक्ष ने जयंत चौधरी के चावल खीर वाले ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस वक्त कई मोर्चा और गठबंधन को लेकर चर्चाएं चल रही है। कल तक एनसीपी के जिन नेताओं को पीएम मोदी जेल में पिसवाने की बात कह रहे थे वो सीधे खीर खाने बीजेपी के साथ चले गए है और उपमुख्यमंत्री बन गए।

इसके साथ उन्होंने कहा कि एक तरफ नीतीश कुमार बड़ा फ्रंट बनाने की कोशिश कर रहे है तो दूसरी तरफ कुछ लोग थर्ड फ्रंट या कोई अलग लाइन में चल रहे है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मेरी समझ से इसी वर्तमान राजनीतिक उठापटक को देखते हुए जयंत चौधरी ने यह ट्वीट किया है।

 

व्हाट्सएप पर समाचार प्राप्त करने के लिए यंहा टैप/क्लिक करे वीडियो समाचारों के लिए हमारा यूट्यूब चैनल सबस्क्राईब करे