जम्मू-कश्मीर के जल पर CM उमर अब्दुल्ला का सख्त रुख, कहा- ‘मैं पंजाब पानी क्यों भेजूं?’

जम्मू: जम्मू-कश्मीर की नदियों के अतिरिक्त जल को पंजाब, हरियाणा और राजस्थान भेजे जाने के लिए 113 किलोमीटर लंबी नहर के प्रस्ताव पर सूबे के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अहम बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को राज्य के पानी के इस्तेमाल को लेकर केंद्र सरकार की योजना पर कहा कि अभी वह अपना पानी दूसरों को नहीं देंगे। उमर ने कहा कि पहले हमें अपने पानी का पूरा इस्तेमाल करने का हक मिलना चाहिए क्योंकि जम्मू के नलों में खुद पानी नहीं आ रहा। उन्होंने कहा कि जब उनके सूबे को जरूरत थी तब पंजाब ने भी उन्हें पानी नहीं दिया था।
‘अभी अपना पानी को दूसरों को नहीं देंगे’
जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अभी हम अपना पानी को दूसरों को नहीं देंगे। पहले हमें अपने पानी का पूरा इस्तेमाल करने का हक मिले।’ उन्होंने जम्मू में पानी की किल्लत का जिक्र करते हुए कहा, ‘जम्मू में नलों में पानी नहीं आ रहा। मैं पंजाब पानी क्यों भेजूं? पंजाब के पास पहले से ही इंडस वाटर ट्रीटी के तहत तीन नदियां हैं। क्या पंजाब ने हमें कभी पानी दिया? जब हमें पानी की जरूरत थी, तब पंजाब ने उझ प्रोजेक्ट और शाहपुर कंडी बैराज से पानी नहीं दिया। अब हम पहले अपने लोगों की जरूरत पूरी करेंगे।’ उमर ने बताया कि सरकार तुलबुल बैराज प्रोजेक्ट पर काम शुरू करने और चेनाब नदी से जम्मू शहर के लिए पीने का पानी लाने की योजना पर काम कर रही है।
जम्मू में ‘राब्ता’ ऑफिस की शुरुआत
जम्मू में ‘राब्ता’ ऑफिस का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बातचीत में उमर ने कहा कि यह दफ्तर लोगों की शिकायतों को जल्दी हल करने और डेटा के आधार पर फैसले लेने के लिए बनाया गया है। इसका मकसद सरकार और जनता के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना है। उमर ने यह भी उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा देने का अपना वादा पूरा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने सोनमर्ग में और बाद में भी यह वादा किया था। हमें भरोसा है कि सरकार इसे पूरा करेगी।’