लोकल प्रशासन पर क्यों भड़के डिप्टी सीएम अजित पवार? कहा- ‘शहर की हालत देखकर मैं दंग हूं’
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने जालना में साफ-सफाई की कमी को लेकर स्थानीय प्रशासन की आलोचना करते हुए अधिकारियों की खिंचाई की है। डिप्टी सीएम पवार ने सोमवार को एक निजी अस्पताल के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में शहर की अव्यवस्था पर अपनी नाराजगी व्यक्त की तथा कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं।
जनप्रतिनिधि गंदगी पर ध्यान क्यों नहीं दे रहे- अजित पवार
अजित पवार ने सवालिया लहजे में कहा, ‘शहर की हालत देखकर मैं दंग हूं। जनप्रतिनिधि इस गंदगी पर ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं? आप क्या कर रहे हैं? क्या आपको यह दिखाई नहीं देता? ’
7 लाख करोड़ रुपये का आता है राजस्व
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 100 दिनों का स्वच्छता अभियान चलाया है लेकिन जालना में उसका असर नजर नहीं आ रहा है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सालाना सात लाख करोड़ रुपये का राजस्व आता है जिसमें से 3.5 लाख करोड़ रुपये सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर खर्च हो जाते हैं।
विधायक के घर के आसपास का इलाका साफ
डिप्टी सीएम अजित पवार ने पूछा, ‘इन अधिकारियों को सफाई बनाए रखने के लिए जवाबदेह क्यों नहीं ठहराया जा रहा है?’ उन्होंने विधायक अर्जुन खोतकर के घर पर जाने का भी जिक्र किया और कहा कि आसपास का इलाका साफ था। उन्होंने सवाल किया, ‘अगर उनके आवास साफ हो सकते हैं, तो शहर के बाकी हिस्सों को साफ रखने की जिम्मेदारी किसकी है?’
अजित के इस तेवर से स्थानीय लोग खुश
अजित पवार ने कहा कि उन्होंने जिला समाहरणालय में साफ-सफाई की कमी को लेकर जिलाधिकारी की खिंचाई की। जिले के अधिकारियों के खिलाफ अजित पवार के इस तरह एक्शन को लेकर स्थानीय लोग काफी खुश हैं।