जौनपुर के इस गांव के मुस्लिम अपने नाम के आगे क्यों लगा रहे दूबे, तिवारी, पाण्डेय? खुद बताया राज
जौनपुरः जौनपुर के केराकत तहसील का एक गांव डेहरी है। जो इस समय सुर्खियों में है। यहां के मुस्लिम अपने नाम के आगे सरनेम दुबे, तिवारी ,पाण्डेय लिख रहे हैं। यहां के लोग सरनेम ही नहीं बल्कि शादी के कार्ड पर भी अपने नाम के आगे दुबे, तिवारी, पाण्डेय लिख रहे हैं। जैसे नौशाद अहमद दुबे, अब्दुल्ला शेख दूबे लिखवा रहे हैं। आखिर इन लोगों ने ऐसा क्यों किया। इसके पीछे ये लोग कई कारण बता रहे हैं।
अब्दुल्ला शेख दूबे ने बताया राज
अब्दुल्ला शेख का कहना है कि आज से दो साल पहले जब देश में एनआरसी कानून की चर्चा चली तब हम गांव के लोग अपनी जड़ों को तलाशने लगे तो पता चला कि हम लोगों के पूर्वज आजमगढ़ के मगरावा गांव के थे। जो कि दुबे थे। नाम था लाल बहादुर दुबे। यह सात आठ पीढ़ी पहले की बात है। ये बात हमारे दादा व बड़े बुजुर्ग भी बताते थे। काफी कुछ सोच विचार कर हम लोग यह टाइटल दो साल से लगा रहे हैं। अब्दुल्ला कहते है कि शेख, सैयद ,पठान, खान तो बाहरी हैं। यह अरब देश की टाइटल है। यहां का नहीं है और हम यही के हैं। वे बताते है कि इससे हम लोगों में भाईचारा भी बना रहेगा।
नौशाद अहमद ने दी ये बड़ी जानकारी
नौशाद अहमद जिनकी उम्र 50 साल है वे भी अपने नाम के आगे दुबे लगाते है और बताते है कि हमने कभी भी शेख नहीं लगाया सिर्फ नौशाद अहमद लिखते थे। अब नौशाद अहमद दुबे लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे देश में एकता और भाईचारा बना रहेगा। नौशाद अहमद अपना गोत्र भी बताते हैं। कहते है कि हमारा गोत्र वत्स है। उनका कहना है कि जब अपने पूर्वज के गांव मगरावा गया तो गांव को देखा और अपना गोत्र पता किया तो वत्स गोत्र पता चला। नौशाद अहमद कहते है कि हम गांव के लोगों को अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित भी कर रहा हूं।
उन्होंने बताया कि गांव के कई लोग पाण्डेय भी लिख रहे हैं। तिवारी भी लिख रहे हैं और गोत्र शांडिल्य बता रहे है। पूजा पाठ को लेकर जब पूछा गया तो इन लोगों ने बताया कि पूजा पाठ हम लोग मुस्लिम धर्म के अनुसार कर रहे है। फिलहाल जौनपुर का डेहरी गांव इस समय चर्चा में बन हुआ है।