गैर-कश्मीरी कर्मचारियों को जम्मू से काम करने की अनुमति क्यों : उमर

गैर-कश्मीरी कर्मचारियों को जम्मू से काम करने की अनुमति क्यों : उमर

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल जी. सी. मुर्मू सहित गैर कश्मीरी अधिकारियों को जम्मू से काम करने की अनुमति देने के सरकार के फैसले पर शनिवार को सवाल उठाते हुए कहा कि यह निर्णय ऐसे समय मेें लिया गया है जब सचिवालय समेत सभी सरकारी कार्यालय (दरबार) श्रीनगर में स्थानांतरित हो रहे हैं। श्री उमर ने केंद्र शासित प्रदेश के दोनों क्षेत्रों में प्रदेश के ‘सचिवालय’ समेत सभी कार्यालयों के कार्य करने पर सरकार के आदेश की आलोचना करते हुए कहा यह लोगों में भ्रम पैदा करेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर कहा, ‘अगर कश्मीरी कर्मचारियों के लिए श्रीनगर जाना सुरक्षित है तो जम्मूवासी के लिए क्यों नहीं। अगर फाइलें जम्मू में रहती है तो कश्मीरी कर्मचारी श्रीनगर सचिवालय में क्या काम करेंगे। अगर फाइलें श्रीनगर भेजी जाती है तो जम्मू में क्या काम होगा।’ उन्होंने फिर ट्वीट किया जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल के इशारे पर गैर-जम्मू-कश्मीरी कर्मचारी और अधिकारी क्यों काम करते हैं और निर्धारित समय पर घाटी में नहीं आते हैं। जम्मू में लगातार रुकने का उनका क्या कारण है।

उन्होंने कहा आजादी से पहले के महाराजा शासन के समय से गर्मियों में छह महीनों के लिए सरकारी कार्यालय श्रीनगर में और सर्दियों में जम्मू में छह महीनों के लिए काम कर रहे हैं। इस कदम से सरकार को सालाना करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं और फाइलों को ले जाने पर भी खर्च होता है। गौरतलब है कि सरकार ने चार मई से श्रीनगर में सचिवालय समेत विभिन्न सरकारी काया्रलयों के ‘वार्षिक दरबार’ को खोलने का औपचारिक रूप से आदेश दिया है लेकिन कहा है कि कर्मचारी ‘जहां है जैसा है’ के आधार पर काम करेेगे।


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